कूटनीति में महिलाओं का 3 रा अंतर्राष्ट्रीय दिवस 24 जून 2025: कूटनीति, राजनीति व सैन्य पदानुक्रम में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की कमी है
नारीवाद नेतृत्व को,एक प्रमुख सिद्धांत के रूप में स्थापित करना ज़रूरी
शांति,सुरक्षा,सतत विकास और सभी के लिए मानवाधिकार हासिल करने संबंधी उच्च पदों पर महिलाओं की समान भागीदारी अनिवार्य होना समय की मांग
बहुपक्षीय एजेंडे को आकार देने वाले व प्रमुख निर्णय लेने और नेतृत्व के पदों पर महिलाओं के बढ़ते प्रतिनिधित्व का मैं समर्थक हूं-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र
नया सवेरा नेटवर्क
गोंदिया- वैश्विक स्तरपर सर्वविदित है कि पूरी दुनियाँ में ऐतिहासिक रूप से कूटनीति पुरुषों का ही आधिपत्य रहा है, महिलाओं ने सदियों से कूटनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है,फिर भी उनके योगदान को अक्सर नजरअंदाज कर दिया गया है,जो रेखांकित करने वाली बातहै। रविवार 22 जून 2025 को मीडिया के हर प्लेटफार्म पर हमने देखे कि अमेरिका ने ईरान में करीब तीन परमाणु ठिकानों पर हमला किया जिससे तीसरे विश्व युद्ध का आगाज़ होने की संभावना बढ़ गई है, वर्तमान में हम देख रहे हैं कि सभी युद्धों में शीर्ष नेतृत्व में पुरुषों का ही बोलबाला है जबकि हाल ही में भारत-पाकिस्तान तनाव में सैन्यप्रवक्ता के रूप में एक महिला पूरी जानकारी दे रही थी, मैं एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र
बहुपक्षीय एजेंडे को आकार देने वाले व प्रमुख निर्णय लेने और नेतृत्व के पदों पर महिलाओं के बढ़ते प्रतिनिधित्व का समर्थक हूं।2014 के आंकड़ों केमुताबिक 143 देशों ने अपने संविधान में पुरुषों व महिलाओं को समानता की गारंटी दी है, परंतु 52 देशों में अभी भी इस असमानता को मिटाना है। एक अध्ययन के अनुसार 1992 से 2019 में शांति प्रक्रिया में सिर्फ 13 परसेंट मध्यस्तता में 6 पेर्सेंट व हस्ताक्षर में केवल 6 पेर्सेंट महिलाएं ही शामिल हुई है महिला व पुरुषों के कूटनीति राजनीति व सैन्य पदानुक्रमों सहित अनेकों क्षेत्रों में भारी असमानता को रेखांकित करते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 जून 2022 को अपने संकल्प क्रमांक 76/269 में पारित किया कि प्रति वर्ष 24 जून को कूटनीति में महिलाओं का अंतरराष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाया जाएगा।पिछले वर्ष 2024 में सुबह 11:30 से 1 तक ट्रस्टीशिप काउंसिल चैंबर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय न्यूयॉर्क में बहुपक्षीय कूटनीति से महिला नेतृत्व थीम के साथ कार्यक्रम आयोजित हुआ था जो इस वर्ष भी इस थीम के साथ आयोजित किया जा रहा है, जिसमें महासभा के अध्यक्ष व महासचिव सहित अनेकों पदाधिकारी भाग ले रहे हैं, जिसमें कूटनीति राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व नेतृत्व को बढ़ाने के लिए जनजागरण कर प्रोत्साहित किया जा रहा है, वक्ताओं द्वारा बताया गया कि, दुर्भाग्य से, अंतर्राष्ट्रीय निकायों, राजनयिक कोर, मानवाधिकार संगठनों और अन्य प्रमुख बहुपक्षीय स्थानों सहित निर्णय लेने के सभी स्तरों पर महिलाओं का प्रतिनिधित्व अभी भी कम है। निचले स्तरों पर लाभ के बावजूद महिलाएँ केवल 13 प्रतिशत अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का नेतृत्व करती हैं। और, जैसा कि हमने सुना है, हमने अभी तक संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के रूप में शीर्ष अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति स्थान पर एक महिला को चुना हुआ नहीं देखा है।डेटा इस बात पर प्रकाश डालता है कि दुनियाँ भर में केवल 20 प्रतिशत राजदूत महिलाएँ हैं, और 2022 में शांति वार्ता प्रतिनिधिमंडल में केवल 16 प्रतिशत प्रतिभागी महिलाएँ थीं। वर्तमान दर पर, हम 130 वर्षों तक लैंगिक समानता प्राप्त नहीं कर सकते हैं। दुनियाँ की आधी से अधिक आबादी 30 वर्ष से कम आयु की है, सभी लड़कियों और युवा महिलाओं को नागरिक और राजनीतिक नेताओं के रूप में सेवा करने के लिए सशक्त और प्रेरित करना सकारात्मक बदलाव का एक महत्वपूर्ण साधन है। 2023 में, संयुक्त राज्यअमेरिका ने नागरिक और राजनीतिक जीवन में सभी लड़कियों और युवा महिलाओं की सार्थक भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए वैश्विक लड़कियों की नागरिक और राजनीतिक भागीदारी पर पहली बार यू.एस. रणनीति जारी की। आज जब हम कूटनीति में पहले से ही शामिल महिलाओं का जश्न मना रहे हैं, तो हमें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि हम कूटनीति में कल की महिलाओं को भी सशक्त बना रहे हैं।यह दिवस उन तरकीबों को पहचानें व उन तरीकों को अपनाने का दिन है जिसमें महिलाएं बाध्यताओं को तोड़ रही है और कूटनीति के क्षेत्र में बदलाव ला रही है। चूँकि शांति, सुरक्षा, सतत विकास और सभी के लिए मानवाधिकार हासिल करने में महिलाओं की इक्वल भागीदारी अनिवार्य होना समय की मांग है, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे कूटनीति में महिलाओं का 3 रा अंतर्राष्ट्रीय दिवस 24 जून 2025, कूटनीतिक राजनीतिक व सैन्य पदानुक्रम में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की कमी है, नारीवाद नेतृत्व को एक प्रमुख सिद्धांत के रूप में स्थापित करने की अत्यंत सख़्त तात्कालिक ज़रूरत है।
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साथियों बात अगर हम वैश्विक स्तरपर महिलाओं की कूटनीतिक राजनीतिक स्थिति की करें तो, 113 देशों में कभी भी कोई महिला राष्ट्राध्यक्ष नहीं रही,संयुक्त राष्ट्र महिला के नए डेटा से पता चलता है।आज केवल 26 देशों का नेतृत्व कोई महिला कर रही है। वैश्विक स्तरपर, निर्णय लेने में महिलाओं का कम प्रतिनिधित्व एक कठोर वास्तविकता है, यह बात संयुक्त राष्ट्र महिला के महिला राजनीतिक नेताओं 2024 पर वैश्विक डेटा से पता चलती है। नेतृत्व के पदों पर लैंगिक समानता पर संयुक्त राष्ट्र महिला का नया डेटा 24 जून को कूटनीति में महिलाओं के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में प्रकाशित किया गया है।प्रगति के बावजूद, महिलाओं को अभी भी सत्ता और कूटनीति के पदों से काफी हद तक बाहर रखा गया है, उच्चतम स्तर के प्रभाव और निर्णय लेने पर अभी भी मुख्य रूप से पुरुषों का कब्जा है। दुनियाँ भर में 113 देशों में कभी भी किसी महिला ने राज्य या सरकार के प्रमुख के रूप में काम नहीं किया है और आज तक केवल 26 देशों का नेतृत्व एक महिला द्वारा किया जाता है। सात देशों में मंत्रिमंडल में कोई भी महिला शामिल नहीं है। कूटनीति और विदेशी मामलों में पुरुषों का वर्चस्व संयुक्त राष्ट्र के स्थायी मिशनों तक फैला हुआ है, जहाँ स्थायी प्रतिनिधियों के रूप में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है। मई 2024 तक, न्यूयॉर्क में 25 प्रतिशत स्थायी प्रतिनिधि पद महिलाओं के पास थे,जिनेवा में 35 प्रतिशत और वियना में 33.5 प्रतिशत।संयुक्त राष्ट्रमहिला कार्यकारी निदेशक सिमा बहौस ने कहा,"हमारा काम इस विश्वास से निर्देशित होता है कि जब महिलाएँ नेतृत्व करती हैं, तो दुनियाँ सभी लोगों और ग्रह के लिए बेहतर होती है। इस साल कई देश चुनावों की ओर बढ़ रहे हैं, हम सभी को महिलाओं को सबसे पहले, सत्ता के शिखर पर रखना चाहिए, जहाँ और जब यह सबसे अधिक मायने रखता है। शासन और नेतृत्व में महिलाओं की समान भागीदारी सभी के जीवन को बेहतर बनाने की कुंजी है।"नेतृत्व के पदों पर महिलाओं को चुनना और नियुक्त करना लैंगिक समानता के लिए मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति कासंकेत देता है और आज दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए सामूहिक प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है। जैसा कि हम बीजिंग घोषणा और कार्रवाई के मंच के पारित होने के 30 साल पूरे होने का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे हैं, जो महिलाओं के अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए दुनिया का सबसे प्रगतिशील खाका है, संयुक्त राष्ट्र महिला यह सुनिश्चित करने के लिए काम करना जारी रखती है कि महिलाएं नेतृत्व करें और सकारात्मक बदलाव को आकार देने और आगे बढ़ाने में सफल हों, जिसमें सत्ता के सबसे वरिष्ठ पदों पर कब्जा करना भी शामिल है।जनवरी 2023 तक, 31 देशों में 34 महिलाएँ राष्ट्राध्यक्ष और/या सरकार के प्रमुख के रूप में काम कर रही हैं, यह पाया गया है कि शासन और कूटनीतिक मुद्दों के मामलों में महिलाओं की भागीदारी बेहतर परिणामों में मदद करती है, उनके द्वारा पारित कानून आम जनता और पर्यावरण के लिए अधिक लाभकारी प्रतीत होते हैं, कूटनीति में महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस दुनिया में अधिक लैंगिक समानता लाने में मदद करने के लिए महिलाओं की इन शक्तियों का जोरदार जश्न मनाता है।
साथियों बात अगर हम वैश्विक महिला दिग्गजों की करें तो, आज, हमें याद दिलाया जाता है कि हम दिग्गजों के कंधों पर खड़े हैं - दिग्गज जैसे कि कहा जाता है, एलेनोर रूजवेल्ट, जिनकी अथक भावना ने सुनिश्चित किया कि महिलाओं की आवाज़ मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा में अंकित हो। उनके साथ, अग्रणी लोगों की एक सेना हमारी मान्यता की हकदार है - भारत की हंसा मेहता और लक्ष्मी मेनन, डोमिनिकन गणराज्य की मिनर्वा बर्नार्डिनो, पाकिस्तान की बेगम शाइस्ता इकरामुल्लाह, डेनमार्क की बोडिल बेगट्रुप, फ्रांस की मरीन-हेलेन लेफौचेक्स, बेलारूस की एवदोकिया उरलोवा - और अनगिनत अन्य महिलाएँ जिन्होंने बहुपक्षीय प्रणाली की नींव पर अपनी बहनों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी, यह सुनिश्चित करते हुए कि सार्वभौमिक घोषणा की पहली पंक्ति -"सभी मनुष्य स्वतंत्र और सम्मान और अधिकारों में समान हैं"- वास्तव में इसका मतलब है।कूटनीति में महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस उन महिलाओं को धन्यवाद कहने का एक तरीका है जिन्होंने कूटनीतिक भूमिकाओं में बदलाव किया है, उनकी उपलब्धियों को स्वीकार करके, हम यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम उठाते हैं कि लिंग की परवाह किए बिना सभी को दुनिया को प्रभावित करने वाले महत्वपूर्ण निर्णयों का हिस्सा बनने का उचित मौका मिले।
साथियों बात अगर हम यह दिवस मनाने स्थापना और उद्देश्यों की करें तो,कूटनीति में महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस की स्थापना 2022 साल में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में की गई थी,जो14 सितंबर, 2021 को शुरू हुआ और 13 सितंबर, 2022 को समाप्त हुआh।यूएएनजीए ने 20 जून, 2022 को प्रस्ताव पारित किया, इसने माना कि 2030 एसडीजी लक्ष्य के हिस्से के रूप में, कूटनीति में महिलाओं के योगदान को उजागर करते हुए, निर्णय लेने में महिलाओं की समान भागीदारी की आवश्यकता एक महत्वपूर्ण आवश्यकता थी, इस उद्देश्य से यूएएनजीए ने 24 जून को कूटनीति में महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस घोषित किया, इस दिन का उद्देश्य वैश्विक कूटनीति में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचान देना और उनकी उपलब्धियों को सम्मानित करना है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 2022 में इस दिन को आधिकारिक मान्यता दी गई थी। महिलाओं ने वर्षों से वैश्विक शांति, सुरक्षा, मानवाधिकार और विकास जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, फिर भी उन्हें कूटनीति के उच्च स्तरों पर अपेक्षित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है।यह दिवस महिलाओं को कूटनीति के क्षेत्र में समान अवसर और नेतृत्व के लिए प्रेरित करता है। इस अवसर पर दुनिया भर में संगोष्ठियाँ, पैनल चर्चा और सम्मान समारोह आयोजित किए जाते हैं। यह दिन न केवल महिलाओं के अधिकारों की वकालत करता है, बल्कि विविधता और समावेश की भावना को भी मजबूत करता है। यह एक समतामूलक और टिकाऊ भविष्य की दिशा में प्रेरणा देता है।
अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि कूटनीति में महिलाओं का 3 रा अंतर्राष्ट्रीय दिवस 24 जून 2025 - कूटनीति,राजनीति व सैन्य पदानुक्रम में महिलाओं के प्रतिनिधित्व की कमी है,नारीवाद नेतृत्व को,एक प्रमुख सिद्धांत के रूप में स्थापित करना ज़रूरी, शांति, सुरक्षा, सतत विकास और सभी के लिए मानवाधिकार हासिल करने संबंधी उच्च पदों पर महिलाओं की समान भागीदारी अनिवार्य होना समय की मांग। बहुपक्षीय एजेंडे को आकार देने वाले व प्रमुख निर्णय लेने और नेतृत्व के पदों पर महिलाओं के बढ़ते प्रतिनिधित्व का मैं समर्थक हूं-
-संकलनकर्ता लेखक - क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 9359653465
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