Poetry: दोस्ती | Naya Sabera Network

Poetry दोस्ती  Naya Sabera Network
नया सवेरा नेटवर्क

दोस्ती

चंद ही दोस्त है मेरे, 

मैं ज़्यादा भीड़ नहीं रखता हूँ।

लोगों को रिझाने की ख़ातिर ,

दुआ- ताबीज़ नहीं रखता हूँ॥


शहर के शोर में, यूँ ही नहीं,

बहलता है दिल मेरा॥

मैं तन्हाई में भी अपना ,

इक मुकम्मल आसमान रखता हूँ॥


घर छोटा सा है मेरा ,

जिसमें मुहब्बत और ईमान रखता हूँ॥

मैं अपने दोस्तों के लिए,

वफ़ा के सब सामान रखता हूँ॥


कोई आये जो देखे ,

मेरे दिल की गहराई॥

मैं बड़े सलीके से, अपने दोस्तों को

दिल में रखता हूँ॥

प्रियंका सोनी

Aakash Foundation  NOW IN JAUNPUR   Visit Us  3rd Floor, Utsav Motel, Near Wazidpur Tiraha, Jaunpur-222002  Naya Sabera Network
विज्ञापन



नया सबेरा का चैनल JOIN करें