Jaunpur News: जहाॅं भी हो चलें आओ हमारे दिल की महफ़िल में : गिरीश श्रीवास्तव
मुझे पल पल तुम्हारी ही कमी महसूस होती है
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था 'कोशिश' की मासिक काव्य-गोष्ठी बाबू रामेश्वर प्रसाद सिंह सभागार रासमंडल, जौनपुर में आयोजित हुई। अवसर था दिवंगत साहित्यकार डॉ.पी.सी.विश्वकर्मा 'प्रेम जौनपुरी' के व्यक्तित्व और कृतित्व पर परिचर्चा और उन्हे काव्यात्मक भावाञ्जलि अर्पित करना। अध्यक्षता करते हुए ख्यात व्यंग्यकार सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने कहा कि, डॉ. विश्वकर्मा को समावेशी कवि और शायर बताया और उनकी कृति 'लफ्ज़ लफ्ज़ आईना' का जिक्र किया।
शायर गिरीश श्रीवास्तव गिरीश ने उन्हे मानवता और सद्भाव का कवि बताया और कहा, चले आओ तुम्हारी ही कमी महसूस होती है। कवि जनार्दन प्रसाद अष्ठाना पथिक ने उन्हे याद करते हुए कहा---हाथ मले मल-मल पछताए,कुछ न रहा अपना/टूट गया सपना। कवि रामजीत मिश्र ने कहा कि डॉ. पी.सी. विश्वकर्मा का जीवन साहित्य के लिए समर्पित रहा।
उन्होंने अपनी अपनी पंक्तियों---"कोई न साथ देता, मुसीबत के वक्त में/वैसे तो बहुत सारे मेहरबान दिख रहे" के द्वारा उन्हे याद किया।प्रो.आर. एन.सिंह ने विश्वकर्मा को समकालीन साहित्य का संवेदनशील कवि कहा और उनके जीवन के कई पहलुओं पर प्रकाश डाला। व्यंग्य कवि अनिल उपाध्याय ने अपनी क्षणिका के माध्यम से उन्हे याद किया---जहाँ तक हमने तलाशा/विश्वकर्मा जी रहे सहजता की परिभाषा। वही डॉ.संजय सिंह सागर ने कहा कि,मुझे उनकी मोहब्बत मार गई। इसी क्रम में कवि रमेश चंद्र सेठ 'आशिक जौनपुरी' ने अपनी रचना--"याद सताएगी सदा /पर क्या है उपचार।
ह्रदय तसल्ली के लिए/स्मृति है आधार" से भावाञ्जलि दी।शायर अंसार जौनपुरी ने उनके लिए पढा--जंग लाजिम हो तो लश्कर नहीं देखे जाते। कवयित्री सुमति श्रीवास्तव ने जीवन की नश्वरता पर प्रकाश डाला--"मन वैरागी हो जाता है/जब कोई अपना जाता है"। कवि नंदलाल समीर ने कहा, मैं चिता की आग हूँ। पर यह आग कवि का देह ही जलाती है,उसके कृतित्व को नहीं।कवि कमलेश कुमार ने अपनी रचना से उन्हे भावाञ्जलि प्रदान की। समाजसेवी संजय सेठ ने विश्वकर्मा जी के सामाजिक जुड़ाव को याद किया। कवि राजेश पाण्डेय की रचना, उनके मत का रसपान करो ।कवि के योगदान को रेखांकित किया ।इस अवसर पर कवि रामजीत मिश्र की कृति 'दास्तान-ए-उल्फत' का लोकार्पण किया गया। आभार ज्ञापन डॉक्टर विमला सिंह ने एवं कुशल संचालन कवि अशोक मिश्र ने किया।
Tags:
Jaunpur
Jaunpur crime
Jaunpur crime news
Jaunpur ki news
Jaunpur latest news
jaunpur news
Jaunpur News in Hindi
Jaunpur news live
Jaunpur news today
Jaunpur news today live
today jaunpur news