ईरान-इजरायल अमेरिका युद्ध- खेमेबाजी का दौर शुरू- तीसरे विश्व युद्ध की ओर दुनियाँ बढ़ी - स्टेट ऑफ़ होमर्ज़ बंद होगा-तेल संकट से दुनियाँ जूझेगी

Iran-Israel-America war- The era of factionalism has begun- The world has moved towards the third world war- The State of Homes will be stopped- The world will face oil crisis

ईरान-इजरायल,अमेरिका युद्ध से कच्चे तेल की कीमतों में विस्फोटक वृद्धि की संभावना- ईरान के स्टेट आफ होमर्ज़ (तंग समुद्री रास्ता) बंद करने की संभावना 

तीसरे विश्व युद्ध की ओर कदम बढ़ाती परिस्थितियों से दुनियाँ डरी- परमाणु खतरों की आशंका बढ़ी - युद्ध की भयावहता को रेखांकित कर त्वरित समाधान के लिए सवांद ज़रूरी- एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र 

नया सवेरा नेटवर्क

गोंदिया- वैश्विक स्तरपर पूरी दुनियाँ पिछले करीब 3 वर्षों से युद्ध के संकट में फंस्ती जा रही है, वैसे युद्ध तो अनेकों देशों के बीच अनेक बार हुए हैं, परंतु इस बार रूस-यूक्रेन इज़राइल-हमास भारत-पाकिस्तान थाईलैंड- कंबोडिया सहित अनेकों देशों में चल रहे है, परंतु इस बार ईरान- इजरायल अमेरिका के बीच जो कुछ पिछले तीन दिनों से भयावह हो रहा है, जिसके कारण खेमेबाजी का दौर भी शुरू हो गया है,जहां एक और अमेरिका अब इजरायल के समर्थन में खुलकर आ गया है, तो रूस ने अमेरिका द्वारा ईरान के परमाणु क्षेत्र पर किए गए तीन विस्फोटक हमलों को अनुचित्त और निराधार बताते हुए आलोचना की है,तो वहीं ईरान के विदेश मंत्री द्वारा रूसी राष्ट्रपति से मुलाकात से खेमेबाजी बढ़ने का दौर शुरू हो गया है, तो उधर ईरान ने स्टेट आफ होमुर्ज़ को बंद करने का फैसला लिया हैयांने इस समुद्री मार्ग से करीब 26 परसेंट तेल की आवाज़ाही होती है, जिसके परिणाम स्वरूप कीमतों में विस्फोटक वृद्धि की स्थिति आने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, हालांकि अभी जब 100 डालर प्रति बैरल बढ़ने के बाद भी भारत में असर नहीं देखा है व केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया है कि हमारे यहां स्टॉक पर्याप्त है जिससे असर नहीं होगा, परंतु फिर भी इस महायुद्ध के विपरीत असर आम जनता को भुगतना  ही पढ़ेगा,चूँकि  ईरान इजरायल अमेरिका युद्ध खेमेबाजी का दौर शुरू, तीसरे विश्व युद्ध की और दुनिया बढ़ी, स्टेट ऑफ होमुर्ज़ बंद होगा, तेल संकट से दुनियाँ जूझेगी, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र से चर्चा करेंगे, तीसरे विश्व युद्ध की ओर कदम बढ़ाती परिस्थितियों से दुनियाँ डरी, परमाणु खतरों की आशंका बढ़ी, युद्ध की भयावहता को रेखांकित कर समाधान के लिए सवांद ज़रूरी है। 

साथियों बात अगर हम ईरान- इजरायल अमेरिका युद्ध में कच्चे तेल, की विस्फोटक कीमतें बढ़ने की संभावना की करें तो, ईरान- इजरायल युद्ध में अमेरिका के कूदने के बाद इसके तेज होने की आशंका से कच्चे तेल की कीमतों में आग लगी है।कच्चा तेल अब 81 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गया है। इसके बावजूद भारत के लोगों के लिए राहत है। क्योंकि, यहां पेट्रोल-डीजल के रेट में आज भी कोई बदलाव नहीं हुआ है, परंतु सोमवार को तेल की कीमतें जनवरी के बाद से अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। ब्रेंट क्रूड और डब्ल्यूटीआई पहले सत्र में 3पेर्सेंट से अधिक की वृद्धि हुई और वे क्रमशः $81.40 और 78.40 डॉलर पर पहुंच गए, जो पांच महीने के उच्चतम स्तर को छू गए। हालांकि, यह तेजी अधिक देर तक नहीं टिक पाई,ईरान के तीन मुख्य परमाणु केंद्रों पर अमेरिकी हमलों ने एक बार फिर इस बात को लेकर चिंता बढ़ा दी है कि तेहरान होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करेगा। भारत के कुल तेल आयात का बड़ा हिस्सा इसी जलडमरूमध्य से होकर आता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कच्चे तेल के मोर्चे पर भारत की स्थिति अभी अच्छी बनी हुई है।विश्लेषकों ने कहा कि रूस से लेकर अमेरिका और ब्राजील तक, वैकल्पिक स्रोत किसी भी कमी को पूरा करने के लिए आसानी से उपलब्ध हैं। रूसी तेल को होर्मुज जलडमरूमध्य से अलग रखा गया है, जो स्वेज नहर, केप ऑफ गुड होप या प्रशांत महासागर से होकर आता है। दूसरी तरफ अमेरिका, पश्चिम अफ्रीका और लातिनी अमेरिका से भी तेल मंगाया जा सकता है, हालांकि यह थोड़ा महंगा होगा। कतर, भारत का प्रमुख आपूर्तिकर्ता है और वह होर्मुज जलडमरूमध्य का उपयोग नहीं करता है। ऑस्ट्रेलिया, रूस और अमेरिका में भारत के तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के अन्य स्रोत पर भी कोई असर नहीं होगा। हालांकि, विश्लेषकों ने कहा कि पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने का असर निकट अवधि में कच्चे तेल की कीमतों पर पड़ेगा और कीमतें 80 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल तक बढ़ सकती हैं। 

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साथियों बात अगर हम ईरान द्वारा अमेरिकी हवाई हमले के जवाब में स्टेट ऑफ होमर्ज़ बंद करने व कतर एयरवेज पर मिसाइल दाग्नें  की करें तो,ईरान की संसद ने हाल ही में अमेरिकी हवाई हमलों के जवाब में स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का प्रस्ताव पास किया है। अगर स्ट्रेट ऑफ होर्मुज बंद होता है तो इसका असर भारत में पेट्रोल- डीजल के दाम पर पड़ सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये तेल व्यापार का अहम रास्ता है।इस खबर के सामने आने के बाद क्रूड ऑयल के दाम बढ़कर 80 डॉलर प्रति बैरल के करीब पहुंच गए हैं। भारत अपनी तेल जरूरतों का बड़ा हिस्सा इम्पोर्ट करता है। अगर क्रूड ऑयल के दाम लंबे समय तक बढ़े रहते हैं, तो तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं। स्ट्रेट ऑफ होर्मुज एक तंग समुद्री रास्ता है, जो फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। ये सिर्फ 33 किलोमीटर चौड़ा है, लेकिन दुनियाँ का 20-25पेर्सेंट कच्चा तेल और 25 पेर्सेंट नेचुरल गैस इसी रास्ते से गुजरती है। सऊदी अरब, इराक, कुवैत, कतर जैसे देशों से तेल के टैंकर इसी रास्ते से दुनियाभर में जाते हैं। भारत के लिए ये रास्ता इसलिए खास है, क्योंकि हमारा 40 पेर्सेंट से ज्यादा तेल इसी रास्ते आता है। अगर ये बंद हो जाए, तो तेल की सप्लाई में रुकावट आ सकती है। भारत अपनी तेल जरूरतों का बड़ा हिस्सा इम्पोर्ट करता है। अगर क्रूड ऑयल के दाम लंबे समय तक बढ़े रहते हैं, तो तेल कंपनियों को पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने पड़ सकते है।(1) स्ट्रेट ऑफ होर्मुज एक तंग समुद्री रास्ता है, जो फारस की खाड़ी को ओमान की खाड़ी और अरब सागर से जोड़ता है। ये सिर्फ 33 किलोमीटर चौड़ा है, लेकिन दुनिया का 20-25 पेर्सेंट कच्चा तेल और 25पेर्सेंट नेचुरल गैस इसी रास्ते से गुजरती है।सऊदी अरब, इराक, कुवैत, कतर जैसे देशों से तेल के टैंकर इसी रास्ते से दुनियाभर में जाते हैं। भारत के लिए ये रास्ता इसलिए खास है, क्योंकि हमारा 40 पेर्सेंट से ज्यादा तेल इसी रास्ते आता है। अगर ये बंद हो जाए, तो तेल की सप्लाई में रुकावट आ सकती है।(2) ईरान और इजराइल के बीच तनाव पहले से चल रहा था, 22 जून को अमेरिका ने ईरान के तीन परमाणु ठिकानों- नतांज, फोर्डो और इस्फहान पर हवाई हमले किए। इससे नाराज ईरान की संसद ने स्ट्रेट ऑफ होर्मुज को बंद करने का प्रस्ताव पास किया।हालांकि, इस फैसले को लागू करने के लिए ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई और नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की मंजूरी चाहिए। ईरान का कहना है कि अगर उसे और परेशान किया गया, तो वो इस रास्ते को बंद करके वैश्विक तेल सप्लाई को बाधित कर सकता है। (3) अगर ये रास्ता बंद होता है, तो तेल की सप्लाई में दिक्कत आएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमतें 30-50पेर्सेंट तक बढ़ सकती हैं। अभी ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल के आसपास है, लेकिन ये 120-150 डॉलर तक जा सकता है। इसका असर भारत पर भी हो सकता है (1) पेट्रोल- डीजल महंगा: तेल महंगा होने से पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं। माना जा रहा है कि पेट्रोल 120 रुपए प्रति लीटर या उससे ज्यादा हो सकता है। (2) महंगाई का बढ़ना: पेट्रोल -डीजल महंगा होने से ट्रांसपोर्ट का खर्च बढ़ेगा,जिससे खाने-पीने की चीजें, दवाइयां और दूसरी जरूरी चीजें भी महंगी हो जाएंगी। (4) भारत ने हाल के वर्षों में अपनी तेल सप्लाई को काफी हद तक डायवर्सिफाई किया है। (5) भारत सरकार इस मसले पर पूरी नजर रखे हुए है। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया है कि भारत के पास कई हफ्तों का तेल भंडार है और तेल कंपनियां कई रास्तों से सप्लाई ले रही हैं। उन्होंने कहा- हम पिछले दो हफ्तों से मिडिल ईस्ट के हालात पर नजर रख रहे हैं। (6) स्ट्रेट ऑफ होर्मुजको पूरी तरह बंद करना आसान नहीं। स्ट्रेट में दो-दो मील की शिपिंग लेन हैं, और इसे बंद करने के लिए ईरान को बड़े पैमाने पर सैन्य कार्रवाई करनी होगी। 

साथियों बात अगर हम पश्चिम एशिया में बढ़ते भू राजनीतिक तनाव का असर भारत पर पढ़ने की करें तो भारत की जीडीपी पर भी पड़ सकता है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने संभावना जताई कि अगर इस संघर्ष से कच्चे तेल की कीमतों में प्रति बैरल 10 डॉलर की बढ़ोतरी होती है, तो भारत के शुद्ध तेल आयात में लगभग 13 से 14 डॉलर की वृद्धि होगी। इससे भारत का चालू खाता घाटा (सीएडी) सकल घरेलू उत्पाद के 0.3 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। एक देश के चालू खाते में आयात और निर्यात के बीच असंतुलन को दर्शाता है। यह वह स्थिति है जब निर्यात से अधिक आयात पर खर्च होता है। इसमें कहा गया कि अगर वित्त वर्ष 2026 में कच्चे तेल की औसत कीमत बढ़कर 80 से 90 डॉलर प्रति बैरल हो जाती है, तो सीएडी मौजूदा अनुमान जीडीपी के बढ़कर जीडीपी के 1.5 से 1.6 पेर्सेंट तक पहुंचने की संभावना है। इससे वित्त वर्ष के दौरान अर्थव्यवस्था पर दबाव पड़ेगा। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि ईरान-इजरायल अमेरिका युद्ध-खेमेबाजी का दौर शुरू- तीसरे विश्व युद्ध की ओर दुनियाँ बढ़ी-स्टेट ऑफ़ होमर्ज़ बंद होगा- तेल संकट से दुनियाँ जूझेगी, ईरान-इजरायल,अमेरिका युद्ध से कच्चे तेल की कीमतों में विस्फोटक वृद्धि की संभावना- ईरान के स्टेट आफ होमर्ज़ (तंग समुद्री रास्ता) बंद करने की संभावना,तीसरे विश्व युद्ध की ओर कदम बढ़ाती परिस्थितियों से दुनियाँ डरी- परमाणु खतरों की आशंका बढ़ी - युद्ध की भयावहता को रेखांकित कर त्वरित समाधानके लिए सवांद ज़रूरी है।

-संकलनकर्ता लेखक - क़र विशेषज्ञ स्तंभकार साहित्यकार अंतरराष्ट्रीय लेखक चिंतक कवि संगीत माध्यम सीए (एटीसी) एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानीं गोंदिया महाराष्ट्र 9359653465

Gahna Kothi Bhagelu Ram Ramji Seth | Kotwali Chauraha Jaunpur | 9984991000, 9792991000, 9984361313 | Olandganj Jaunpur | 9838545608, 7355037762, 8317077790 And RAJDARBAR A FAMILY RESTAURANT in RajMahal Jaunpur
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