बच्चों के कम अंक पर न डाँटें, न शर्मिंदा करें... | Naya Sabera Network
नया सवेरा नेटवर्क
बोर्ड परीक्षा परिणाम आने के बाद जहाँ कुछ बच्चे अच्छे अंक लाकर खुशियाँ मना रहे हैं, वहीं कई बच्चे अपेक्षित अंक न ला पाने के कारण तनाव और निराशा में हैं। ऐसे समय में विशेषज्ञों और शिक्षकों का कहना है कि माता-पिता का धैर्य और सकारात्मक रवैया ही बच्चों को संभाल सकता है।
डाॅ. ममता सिंह का कहना है कि इस उम्र में बच्चों के लिए परीक्षा परिणाम केवल अकादमिक नहीं, बल्कि आत्म-सम्मान से भी जुड़ा होता है। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों के कम अंक पर न डाँटें, न शर्मिंदा करें, बल्कि उन्हें यह समझाएं कि जीवन में एक परीक्षा का परिणाम अंतिम नहीं होता।
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समाजसेवियों और शिक्षकों का भी मानना है कि बच्चों को उनकी खूबियों और रुचियों के अनुसार प्रोत्साहित कर आगे बढ़ाया जाए। उन्हें रोल मॉडल्स के उदाहरण दिखाएं जिन्होंने प्रारंभ में संघर्ष किया और बाद में ऊँचाइयाँ छुईं।
अंत में डाॅ. ममता सिंह ने सभी माता-पिता से अपील की कि अपने बच्चों को यह विश्वास दें कि एक असफलता उनकी काबिलियत का पैमाना नहीं है। बच्चे तभी निखरेंगे जब उन्हें अपनों का प्यार, समर्थन और विश्वास मिलेगा।
डाॅ. ममता सिंह असि. प्रोफेसर मनोविज्ञान विभाग मो.हसन पी.जी.कॉलेज, जौनपुर।
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