कलयुग में श्रीमद्भागवत कथा श्रवण मात्र से मनुष्य करता है अमृतपान : हृदेश कृष्ण शास्त्री | Naya Sabera Network
नया सवेरा नेटवर्क
प्रतापगढ़। बेलखरनाथ धाम अंतर्गत ग्राम बंशीपट्टी में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन हो रहा है। भागवत कथा श्रवण करने मात्र से ही मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है। बृंदावन स्वयं में पवित्र अमृत स्थान एवं भक्ति सरोवर है। उसमें भी श्री कृष्ण जी महाराज की जीवन लीला की कथा यह स्वयं में अमृत के समान है इसलिए जीवन में एक बार श्रीमद्भागवत कथा का रसपान अवश्य करना चाहिए। यह बातें पट्टी के वंशीपट्टी गांव में मुख्य यजमान श्रीमती शिव देवी पत्नी रमाकांत मिश्र, श्रीमती आशा देवी पत्नी श्रीकांत मिश्र, श्रीमती गीता देवी पत्नी विजयकांत मिश्र, श्रीमती पुष्पा देवी पत्नी उमाकांत मिश्रा है। आयोजित संगीतमयी श्रीमद्भागवत कथा के दौरान ब्यास गद्दी पर विराजमान कथा वाचक पंडित हृदेश कृष्ण शास्त्री महाराज ने कही।
बचपन में ही प्रभु ने दिखाई थी अपनी सारी लीलाएं
भगवान श्री कृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि प्रभु ने अपनी सारी लीलाएं बचपन में ही दिखाई थी। श्रीकृष्ण ने मां यशोदा को अपने मुख में संपूर्ण ब्रह्मांड दिखाया, कालिया नाग पर नृत्य किया, पूतना वध के साथ ही गोवर्धन पर्वत को उंगली पर उठाया। ब्यास कथा में कहा कि भगवान कृष्ण की शरण में रहने पर सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। श्रीमद्भागवत कथा जीवन में अवश्य सुनना चाहिए। पुण्य कथा के एक-एक श्लोक जीवन धन धान्य से परिपूर्ण करते है जिससे मनुष्य का जीवन धन्य हो जाता है। मुरली मनोहर बांसुरी पर, धनंजय शुक्ला हारमोनियम पर, अंकित पैड पर, कन्हैया ढोल पर पूरे संगीतमय कथा को अपने कला से भक्ति सागर में भक्तों को डुबकी लगवाया। कथा श्रवण में आशीष मिश्रा, पूनम मिश्रा, सचिन मिश्र, सोनल मिश्रा, नीरज मिश्र, विवेक मिश्र, विजय मिश्र, सचिन मिश्र, ओम मिश्र, भूमि मिश्रा सहित सैकड़ों महिला, पुरुष उपस्थित रहे।
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