Panchang: 1 मार्च 2025 का शुभ मुहूर्त, राहु काल, आज की तिथि और ग्रह | Naya Savera Network
नया सवेरा नेटवर्क
🌞~ आज का हिन्दू पंचांग ~🌞
⛅दिनांक - 1 मार्च 2025
⛅दिन - शनिवार
⛅विक्रम संवत् - 2081
⛅अयन - उत्तरायण
⛅ऋतु - बसन्त
⛅मास - फाल्गुन
⛅पक्ष - शुक्ल
⛅तिथि - द्वितीया रात्रि 12:09 मार्च 2 तक, तत्पश्चात तृतीया
⛅नक्षत्र - पूर्व भाद्रपद सुबह 11:22 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
⛅योग - साध्य शाम 4:25 तक तत्पश्चात शुभ
⛅राहु काल - सुबह 9:57 से सुबह 11:24 तक
⛅सूर्योदय - 07:04
⛅सूर्यास्त - 06:38
⛅दिशा शूल - पूर्व दिशा में
⛅ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:23 से 06:12 तक
⛅अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12:29 से दोपहर 01:15 तक
⛅निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:27 मार्च 02 से रात्रि 01: 16 मार्च 02 तक
⛅व्रत पर्व विवरण - फुलैरा दूज, श्री रामकृष्ण परमहंस जयन्ती, संत दादू दयालजी जयंती, त्रिपुष्कर योग ( सुबह 07:01 से सुबह 11:22 तक)
⛅विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैंगन या कटहरी) खाना निषिद्ध है। ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🔹मन में शांति की लहरें प्रकट करनेवाली मुद्रा : शांत मुद्रा🔹
यह मुदा कोध को शांत करने में अत्यंत लाभदायी है, इसीलिए इसका नाम 'शांत मुद्रा' रखा गया है ।
🔹लाभ : (१) जिसे बार-बार क्रोध आता हो या स्वभाव चिड़चिड़ा हो, उसके लिए यह मुद्रा वरदानस्वरूप है । इस मुद्रा से क्रोध तत्काल शांत हो जाता है ।
🔸(२) क्रोध के स्पंदनों पर शांति के स्पंदनों का टकराव होने से शरीर का तान-तनाव कम हो जाता है ।
🔸(३) मन भी आसानी से शांत हो जाता है । शांतिवर्धक लहरें तन-मन में संचारित होने लगती हैं ।
🔸(४) इस मुद्रा को करने पर आप विशेष एकाग्रता का अनुभव करेंगे ।
🔹विधि : (१) ध्यान के लिए अनुकूल पड़े ऐसे किसी भी आसन में बैठ जायें। आप यात्रा के समय भी किसी अनुकूल आसन में यह कर सकते हैं ।
🔸(२) उँगलियों के अग्रभागों को अँगूठे के अग्रभाग से चारों तरफ से मिलायें। अँगूठे व उँगलियों को थोड़ा- सा मोड़ें, जिससे उँगलियों के अग्रभाग अँगूठे के अग्रभाग से अच्छी तरह मिल जायें ।
🔸(३) अँगूठे के अग्रभाग पर एकाग्र हों और उँगलियों की सनसनी अनुभव करें ।
🔸मुद्रा-विज्ञान : पाँचों उँगलियाँ मिलाने पर अग्नि, वायु, आकाश, पृथ्वी और जल ये पाँचों तत्त्व इकट्ठे हो जाते हैं । इससे प्राणशक्ति पुष्ट होती है ।