Thane News : संगीत साहित्य मंच की 116वीं काव्यगोष्ठी संपन्न | Naya Savera Network
नया सवेरा नेटवर्क
ठाणे। साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था संगीत साहित्य मंच द्वारा निरंतर की जाने वाली मासिक काव्यगोष्ठी इस महीने शनिवार दिनाँक 15 फरवरी 2025 को संस्था के संयोजक रामजीत गुप्ता के आवास पर किया गया। मुख्य अतिथि लाल बहादुर यादव "कमल" की उपस्थिति तथा श्रीधर मिश्र "आत्मिक " की अध्यक्षता और उमेश मिश्र प्रभाकर के संचालन मे सम्पन्न हुई।कार्यक्रम का शुभारम्भ सदाशिव चतुर्वेदी "मधुर" द्वारा माँ सरस्वती के चरणों मे वंदना स्वरुप प्रथम पुष्प अर्पित करके किया गया।तत्पश्चात नावाँकुर कवि राकेश त्रिपाठी द्वारा बेरोजगारी पर मौलिक रचना का मधुर कंठ से गायन किया गया।इसके बाद अरुण मिश्र अनुरागी द्वारा होली पर श्रृंगार गीत का सुन्दर गायन किया गया।कार्यक्रम को आगे बढ़ते हुए डॉ शरदचंद्र ने पुलवामा आतंकी हमले पर वीर रस की कविता प्रस्तुत किया।अगली कड़ी में वरिष्ठ कवि सुशील शुक्ला नाचीज़ द्वारा शेरो शायरी एवं ग़ज़ल का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया गया।तदनंतर ओज के कवि राजेश दूबे अल्हड़ असरदार ने सर्जिकल स्ट्राइक पर कविता सुना कर सबको रोमांचित कर दिया,तत्पश्चात मधुर ने कुम्भमेला 2025 पर "भइया हम कुम्भ नहाइ लीन" अवधी गीत प्रस्तुत किया।गोष्ठी को आगे बढ़ाते हुये वरिष्ठ कवि ओम प्रकाश सिंह ने अध्यात्म पर सराहनीय गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में कुछ देर से शिरकत किये रामप्यारे रघुवंशी ने गाँव और शहर के बीच सामन्जस्य के भाव की सराहनीय कविता प्रस्तुत किया।संस्था के संयोजक राम जीत गुप्ता ने एक होली गीत "रंगों की फुहार" का सुन्दर गायन किया।इसके बाद प्रसिद्ध गज़लकार एन. बी. सिंह नादान ने बेहतरीन अंदाज़ में ग़ज़ल का गायन किया।कार्यक्रम के संचालक उमेश मिश्र ने अपनी कविता के माध्यम से पुलवामा हमले पर जाँबाज वीरों के समर्पित भाव एवं दिल के दर्द का शानदार चित्रण किया।इसके बाद मुख्य अतिथि लालबहादुर यादव ने होली पर समसामयिक रचना विरह गीत का सराहनीय गायन किया।कार्यक्रम के अन्तिम चरण में गोष्ठी के अध्यक्ष श्रीधर मिश्र "आत्मिक" ने अपनी आध्यात्मिक कविता के माध्यम से सभी का मन मोह लिया तथा गोष्ठी की खूबसूरती को सराहते हुये सभी सहभागियों के विषय में छन्दबद्ध पंक्तियों द्वारा काव्य विवेचना किया।यह विशेषता बहुत ही कम कवियों में देखने को मिलती है कि किसी भी विषय पर त्वरित पंक्तियाँ लिख सके।सच कहूँ तो यह मेरा अपना प्रथम अनुभव रहा।गोष्ठी विशेष रूप से राष्ट्रभक्ति,आध्यात्मिक, सामाजिक तथा श्रृंगार प्रधान कविताओं एवं चर्चाओं का विषय रही।कार्यक्रम के अंत मे सहसंयोजक मधुर ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया और सबका आभार व्यक्त करके कार्यक्रम का समापन किया।