Poetry : विदाई | Naya Savera Network
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विदाई
रखिहू लजिया हमार,जात बानू ससुरे दुलारी-२
मानियु बतिया हमार,जात बानू ससुरे दुलारी||
सासू के मारियु ससुर के घसीटियु,जेठउत के चूनी झुकाइ के पीटियु|
राखियु लजिया हमार,जात बानू ससुरे दुलारी||
ननदी के पटकि पटकि घिसियायू,
देवर के खूबइ पटकि लतियायू|
मानियु बतिया हमार,जात बानू ससुरे दुलारी||
येहिं कुल क लाज राखियु,वोहिं कुल के बोरियु|
पास पड़ोसिनि के टाँग,धइ के तोरियु||
सुनिलअ बतिया हमार,जात बानू ससुरे दुलारी||
भाई बाप क तूँ अपने नमवां डुबायू,
माई क ससुरे में कीर्तन खुब गायू||
गाँठि बाँधि लिहू बतिया हमार,जात बानू ससुरे दुलारी||
पं.जमदग्निपुरी
9967113402