हास्य व्यंग : दिल्ली का तख्ता पलट | Naya Savera Network
प्रमोद जायसवाल @ नया सवेरा
चुनाव परिणाम आने के बाद खुद को दिल्ली का मालिक बताने वाले पुराने वजीर ए आला बेहद सदमे में थे। सपने में भी नहीं सोचा कि दिल्ली के तख्त से इतनी जल्दी रुखसत होना पड़ेगा। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि यह सब कैसे हो गया। दिल्ली वालों में मुफ्त की कितनी रेवड़ियां बांटी थी। इसी दम पर देश के वजीर-ए-आजम को खुली चुनौती दी थी कि आप इस जनम हमें दिल्ली की गद्दी से हटा नहीं सकते। इसके लिए आपको दूसरा जनम लेना पड़ेगा। कितने अरमानों से बेशकीमती शीशमहल बनवाया था ?
सोफे पर बैठे कभी अपना बाल नोचते तो कभी गिलास उठाकर दो घूंट पानी गटकते। तभी बिना बाल वाले उनके पुराने छोटे वजीर ए आला आ गये। बोले, वजीर ए आला मुझे अपनी हार का ग़म नहीं। मैं आपको लेकर बहुत परेशान था।
सोचा, चलकर ढांढस बंधा आऊं। इसी बीच चुनाव में पटखनी खाए पुराने और नये सेहत वाले मंत्री भी सांत्वना देने पहुंचे, बोले.. हार से निराश होने की जरूरत नहीं। छोटी लड़ाईयां हारकर ही बड़ी जंग जीती जाती है। सुनते ही पुराने वजीर ए आला अपनी मुठ्ठी और होंठ भींचते हुए बोले.. शट अप।
इसे छोटी लड़ाई समझते हो। इस लड़ाई को फतह करने के लिए मैंने कितना रायता फैलाया। झूठ का पहाड़ खड़ा किया। कभी बीजेपी पर यमुना में जहर डालने का तोहमत लगाया। पार्टी विधायकों को खरीदने का आरोप मढ़ा। दिल्ली वालों की संवेदना हासिल करने के लिए जान का खतरा होने तथा हारने पर फिर से जेल भेज देने का नाटक किया। मगर, कुछ काम नहीं आया।
टकले वाले पुराने मंत्री बोले, लगता है कि यह सब शिगूफा सुनते सुनते दिल्ली की जनता ऊब गई। ऊपर से शराब घोटाले की आंच। यह सुनते ही पुराने वजीर ए आला भड़क गए। बोले तुम्हें अपने शिक्षा माडल पर बड़ा नाज था। वह भी तो काम नहीं आया। अपनी सीट ही बचा लिए होते। सेहत वाले मंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया अपनी पार्टी के जश्न समारोह में वजीर-ए-आजम ने कहा है कि दिल्ली की असली मालिक जनता है। जिसने दिल्ली को लूटा है, उससे एक एक पाई वसूल करुंगा। आपके पास कोई संवैधानिक ओहदा नहीं बचा है। कहीं फिर से आपको जेल में न ठूंसवा दें। सुनते ही पुराने वजीर ए आला के माथे पर पसीना आ गया।
इसी बीच दिल्ली की वजीर ए आला मुस्कुराते हुए दाखिल हुईं। बोली, पार्टी की कोर टीम में अकेले मैं ही जीती मगर आप लोगों ने मुझे बधाई तक नहीं दिया। इसीलिए मुझे यहां आना पड़ा। टकले वाले पुराने मंत्री बोले, जिसने तुमको वज़ीर ए आला बनाया उनके जेल जाने की नौबत आने वाली है और तुम्हें बधाई लेने की पड़ी है। पूरी बात सुनकर वह जोर से हंसी, बोली इसका एक सोल्यूशन है मेरे पास। पुराने वजीर ए आला को संवैधानिक ओहदे का कोई कवच दे दीजिए। पंजाब वाले वजीर ए आला को हटाकर इन्हें वहां बैठा दिया जाये। इससे पुराने वजीर ए आला को एक सेफ्टी कवच मिल जायेगा और पंजाब वालों को नये नये रायते का स्वाद भी मिलेगा।
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