Poetry : हमारा श्रेष्ठ आर्यावर्त | Naya Savera Network
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शीर्षक :हमारा श्रेष्ठ आर्यावर्त
हमें निज देश की अखंडता पे गर्व है,
संस्कृतियों का देश ये अनेक यहाॅं पर्व हैं,
देश की स्वतंत्रता सा नहीं कोई पर्व है,
राम श्याम की वसुंधरा पे हमें गर्व है।
बहुरंगी विविधता ही इसका सौंदर्य है,
गंगा सी पवित्र नदियों का जहाॅं जल है,
मानस ,पुराण ,गीता भागवत सा ग्रंथ है,
ऐसी धरा - धाम को दिल से नमन है।
स्वर्ग से देव भी कर रहे वंदन है,
पावन धरा में लिया जिन्होंने जनम है,
नदियों का स्रोत हिमालय सा जहाॅं नग है,
देश की है आत्मा जो देश का तन है।
अयोध्या,काशी ,मथुरा, सी जहां सप्तपुरी हैं,
राजा है प्रयाग करे पापों का जो नाश है,
कथकली, कुचिपुड़ी,अट्टम, मणिपुरी हैं,
संस्कृति सजीव किए नृत्य जो महान हैं।
गार्गी, अपाला, घोषा विदुषी जहाॅं हुई हैं,
लक्ष्मीबाई,हाड़ा ,चेन्नम्मा सी बेटियाॅं हैं,
भगतसिंह , बोस,पांडे से वीर हुए जहाॅं ,
ऐसी भारतभूमि को नमन बार - बार हैं।
जय हिंद जय हिंदी
अनामिका तिवारी "अन्नपूर्णा"✍️✍️