Mumbai News : भाई से मुकदमा लड़ने वालों के लिए भरत चरित्र व्यर्थ है: प्रेमभूषण महाराज | Naya Savera Network
नया सवेरा नेटवर्क
नालासोपारा। पूज्यश्री प्रेमभूषण महाराज ने पंडित शब्द को परिभाषित करते हुए मानस महाकुंभ की अष्टम दिवस की कथा में कहा कि,जो किसी विषय का विज्ञ होता है उसे पंडित कहते हैं। जब तक कथा में रमेंगे नही तब तक कथा समझ मे नही आयेगी। आसुरी शक्तियों को समाप्त करने के लिए भगवान ने वन यात्रा में 31 सुरक्षा चौकियां बनवायी थी।प्रेमभूषण महाराज भरत चरित्र का वर्णन करते हुए सुंदर प्रेमसूत्र प्रदान करते हुए कहा कि, जिससे संसार है वही जीवन का सार है, यही परमार्थ चिंतन है।भरत चरित्र का श्रवण करने वाले लोग सबसे अधिक रोते हैं लेकिन ऐसे ही लोग भाई से शत्रुता करके मुकदमा लड़ते हैं, ऐसी भक्ति का कोई अर्थ नही।त्याग सबके बस की बात नही।
भगवान हैं और हम को एक दिन मरना है जीव को इन दोनों बातों का सर्वकाल स्मरण रखना चाहिए।भरत जी को साक्षात परमार्थ का स्वरूप बतलाते हुए पूज्यश्री ने कहा कि, जिसके जीवन में एक आज्ञाकारी हो वह सबसे बड़ा सौभाग्यशाली होता है। भगवान की तरफ़ बढ़ने वाले को भगवान स्वयं खींच लेते हैं। तीर्थराज प्रयाग महाकुंभ में जाने वाले का मन संत औऱ भगवंत में स्वयं लगने लगेगा।भक्त और भगवान के बीच बाधा कभी नही उत्पन्न करना चाहिये। सत्ता पर आसीन व्यक्ति सर्वकाल भयभीत होता है। किसी को दिए गए वचन का पालन करने के लिए प्राणों का त्याग करना भी धर्म है।जीवन में सर्वकाल दिव्यता का दर्शन करना चाहिए क्योंकि जो हम दर्शन करते हैं वही स्मरण करते हैं। भरत जी रामजी की दिव्य चरण पादुका लेकर अयोध्या की राजसत्ता पर आसीन कर देते हैं।इसके भाव को व्यक्त करते हुए पूज्यश्री ने कहा कि,सन्मुख की श्रद्धा मजबूरी होती है इसलिए श्रेष्ठ के प्रति श्रद्धा उपस्थित में नही अनुपस्थित होनी चाहिए।
जीवन में बहुरूपिया पन ठीक नही है। अंधकार को जो प्रकाशवान कर दे वही गुरु है।गुरु के बिना जीवन का उद्धार सम्भव नही इसलिए गुरू तत्व का आश्रय अवश्य होना चाहिए। इस सृष्टि में सत्य सनातन धर्म ही है जो किसी भी तर्क को स्वीकार करता है। जीवन पथ का चयन स्वयं करना होगा, दूसरा कोई नही बताएगा।माया प्रकृति में अधिक उलझने वाला दुःखी ही रहता है।धर्ममय जीवन जीने से वैराग्य उपस्थित होता है।संसार में जो कुछ करना चाहता है उसे नींद नही आती।जिसे बहुत नींद आती है वह लक्ष्यविहीन होता है। पूज्यश्री ने सीता हरण प्रसंग को स्पर्श करते हुए कहा कि,जहाँ नारी की रक्षा के लिए पक्षी भी युद्ध करते हैं वह देश है भारत। पूज्यश्री ने सबरी प्रसंग के आश्रय में अपने सबसे लोकप्रिय.भजन मेरी झोपड़ी के भाग आज जाग जाएंगे, राम आएंगे सुना कर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। श्रीरामकथा में वर्षों से अपनी सेवा अर्पित करने वाली रेखा अरविंद गुप्ता को हम रामजी के रामजी हमारे हैं-सेवा ट्रस्ट परिवार मुम्बई ने महिला संगठन के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की घोषणा की।
रेखा गुप्ता ने इसे भगवान की कृपा औऱ पूज्यश्री का स आशीर्वाद बताया।
बिजेंद्र रामचंद्र सिंह के संयोजन और मुख्य यजमान श्रीमती मीरा बिजेंद्र सिंह के संकल्प से मानस महाकुंभ में पहुंचकर विधायक विलास तरे,आमदार राजन नाईक और विधायिका स्नेहा दूबे, वरिष्ठ पत्रकार अनुराग त्रिपाठी, मुम्बई प्रधान गणेश अग्रवाल,शिक्षाविद अविनाश मिश्रा, विभा मिश्रा, ओमप्रकाश,ब्लॉक प्रमुख बंशराज सिंह,समर बहादुर सिंह, नागेंद्र तिवारी, श्रद्धा प्रिंस सिंह, सुश्री शिवानी सिंह, प्रभात सिंह बब्लू, सुधाकर सिंह'विसेन वरिष्ठ पत्रकार लालशेखर सिंह, अशोका तिवारी एवं दिनेशप्रताप सिंह आदि लोगों ने अवगाहन करते हुए अपना सौभाग्यवर्धन किया।