Jaunpur News : बाबा साहब के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने लक्ष्य को करना चाहिए प्राप्त: ममता यादव | Naya Savera Network
विनोद कुमार
केराकत, जौनपुर। क्षेत्र के छितौना गांव में स्थित पंचायत भवन पर बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस रिटायर्ड फौजी सुबाष यादव की अध्यक्षता में मनाया गया। सौहार्द फेलो नीरा आर्या ने मौजूद सभी को संविधान की प्रस्तावना की प्रति देकर शपथ दिलाते हुए बताया कि भारत में जब-जब संविधान और लोकतंत्र की बात होती है तो बाबा साहब का नाम प्रमुखता से लिया जाता है यही वो दिन है जब भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और दलितों के मसीहा कहे जाने वाले अम्बेडकर का 1956 में निधन हुआ था। कहा कि बाबा साहब ने सामाजिक समरसता के लिए आर्थिक सशक्तिकरण को महत्वपूर्ण बताया था। वहीं मौजूद मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान ममता यादव ने बाबा साहब के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे केवल भारत के संविधान निर्माता ही नहीं थे, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के प्रति समर्पित व्यक्ति थे। बाबा साहब ने अपनी शिक्षा और विचारों से एक नए समाज की नींव रखी, जिसमें हर व्यक्ति को समान अधिकार मिल सके। संविधान निर्माता और सामाजिक समरसता के प्रतीक बाबा साहब ने वंचित समाज के उत्थान के लिए जो प्रयास किए वे सदैव अनुकरणीय रहेंगे। आज हम जिस लोकतांत्रिक व्यवस्था में जी रहे हैं, वह बाबा साहब की दूरदृष्टि का परिणाम है इसलिए हम सभी को बाबा साहब के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए। इस अवसर पर संजय सरोज, रूपेश शर्मा, राजकुमार, मुनीब, सुनील, आकाश, दीपू व सुजीत समेत भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
केराकत, जौनपुर। क्षेत्र के छितौना गांव में स्थित पंचायत भवन पर बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस रिटायर्ड फौजी सुबाष यादव की अध्यक्षता में मनाया गया। सौहार्द फेलो नीरा आर्या ने मौजूद सभी को संविधान की प्रस्तावना की प्रति देकर शपथ दिलाते हुए बताया कि भारत में जब-जब संविधान और लोकतंत्र की बात होती है तो बाबा साहब का नाम प्रमुखता से लिया जाता है यही वो दिन है जब भारत के संविधान निर्माता, समाज सुधारक और दलितों के मसीहा कहे जाने वाले अम्बेडकर का 1956 में निधन हुआ था। कहा कि बाबा साहब ने सामाजिक समरसता के लिए आर्थिक सशक्तिकरण को महत्वपूर्ण बताया था। वहीं मौजूद मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान ममता यादव ने बाबा साहब के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे केवल भारत के संविधान निर्माता ही नहीं थे, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और मानवाधिकारों के प्रति समर्पित व्यक्ति थे। बाबा साहब ने अपनी शिक्षा और विचारों से एक नए समाज की नींव रखी, जिसमें हर व्यक्ति को समान अधिकार मिल सके। संविधान निर्माता और सामाजिक समरसता के प्रतीक बाबा साहब ने वंचित समाज के उत्थान के लिए जो प्रयास किए वे सदैव अनुकरणीय रहेंगे। आज हम जिस लोकतांत्रिक व्यवस्था में जी रहे हैं, वह बाबा साहब की दूरदृष्टि का परिणाम है इसलिए हम सभी को बाबा साहब के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए। इस अवसर पर संजय सरोज, रूपेश शर्मा, राजकुमार, मुनीब, सुनील, आकाश, दीपू व सुजीत समेत भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।
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