Bareilly News : मूक बधिर रिदम ने मलेशिया के पेसिफिक डीफ होम्स में दो स्वर्ण व एक रजत पदक जीता | Naya Savera Network
नया सवेरा नेटवर्क
बरेली। बरेली शहर की रहने वाली दिव्यांग रिदम शर्मा ने मलेशिया में हुए 10वें एशिया पेसिफिक डीफ होम्स में दो स्वर्ण व एक रजत पदक अपने नाम कर भारत ही नहीं बरेली व अपने इस्लामिया गर्ल्स स्कूल का नाम भी रौशन किया किया है।
इस्लामिया गर्ल्स इण्टर कॉलेज बरेली की छात्रा रिदम के पिता अनुकाम शर्मा पेन्ट का काम करते हैं व माता पूनम शर्मा गृहणी है। रिदम शर्मा का जन्म 29 अप्रैल 2007 को खैरुल्ला गली बड़ा बाजार बरेली में हुआ था। रिदम की' प्रारंभिक शिक्षा जिंगल बेल्स स्कूल बरेली में हुई हैं। रिदम बचपन से ही बोलने व सुनने में असमर्थ है। रिदम के एक भाई और बहन भी है जो सामान्य है। रिदम जब 5 वर्ष की हुई तब उनकी माता को पता चला कि वह सुन व बोल नहीं सकती है तो उन्होंने बहुत सारे डॉक्टर्स को दिखाया लेकिन सफलता नहीं मिली। दिव्यांग रिदम की माता ने हार नहीं मानी। रिदम मूकबधिर है वह बोल व सुन नहीं सकती है।
यह जानते हुए भी वे अपनी बच्ची को आगे बढ़ाना चाहती थी। जब रिदम 10 वर्ष की हुईं तब उनका परिचय उनके कोच श्री अजय कश्यप से हुआ जो रिदम को एथलेटिक्स की ट्रेनिंग देते हैं। कक्षा 8 जिंगल बेल्स स्कूल से उत्तीर्ण करने के बाद कक्षा-9 में इस्लामिया गर्ल्स इण्टर कॉलेज बरेली में प्रवेश लिया। इस्लामिया विद्यालय में और भी मूकबधिर छात्राएं शिक्षा ग्रहण करती हैं। रिदम शर्मा की खेल में विशेष रुचि को देखते हुए उन्हें वॉलीबाल में भी आगे बढ़ाया। रिदम शर्मा वॉलीवाल मैं राज्य स्तर तक पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं।अब एथलेटिक्स में जनपद, मण्डल, राज्य, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गोल्ड व सिल्वर मेडल प्राप्त कर चुकी हैं।
इस्लामिया स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती चमन जहां द्वारा रिदम को प्रत्येक माह हाइट, ड्राई फ्रूटस् उपलब्ध करवाए जाते हैं। रिदम को खेल से सम्बन्धित किटू, जूते आदि वस्तुएं विद्यालय से उपलब्ध करवायी जाती हैं। रिदम शर्मा कक्षा 10 की छात्रा हैं। बोर्ड परीक्षा करीब है। अब स्कूल में रिदम के लिए अतिरिक्त कक्षाएं लगवायी जाएंगी। जिससे कक्षा-10 में अच्छे नम्बरों से पास होकर अपनी आगे की पढ़ाई जारी रख सके। अब दिव्यांग रिदम शर्मा ओलंपिक गेम्स खेलने के लिए जापान जाएंगी। सभी उनके उज्जवल भविष्य की कामना करते है।