Jaunpur News : मनुष्य का मूल कार्य है सत्कर्म में लगे रहना : प्रेम भूषण जी महाराज | Naya Savera Network
- ठाकुर जी की प्रेरणा से ज्ञानप्रकाश सिंह ने कराया भव्य रामकथा का आयोजन
- महाराज जी ने व्यासपीठ से दिया ज्ञानप्रकाश सिंह के परिवार को खुशहाल जीवन का आशीर्वाद
- भगवान श्रीराम राज्याभिषेक की झांकी देख झूमे दर्शक, लगे जयश्रीराम के नारे
- पूर्णाहुति के दिन पीले वस्त्र पहनीं महिलाओं की भीड़ से भरा रहा पंडाल
- पूर्णाहुति के साथ भव्य श्रीरामकथा का हुआ समापन
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। बीआरपी इण्टर कॉलेज के मैदान में भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी ज्ञान प्रकाश सिंह के पावन संकल्प से प्रायोजित सात दिवसीय रामकथा के अंतिम दिन कथा शुरू होने से पहले मुख्य यजमान ज्ञान प्रकाश सिंह ने सपरिवार व्यासपीठ का पूजन किया और भगवान की आरती उतारी। तत्पश्चात कथा शुरू हुई। अंतरराष्ट्रीय कथावाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने कहा कि भगवान और भक्त के बीच के भक्ति का एक ही मात्रा नाता होता है। भक्त को बहुत प्रकार नहीं भक्ति के केवल एक पथ का चुनाव समय रहते कर लेना चाहिए। भगवान और सत्कर्मों में जिसकी जितनी श्रद्धा होती है उतना ही हमारा कल्याण भी होता है। पीठ से पूर्णाहुति सत्र की कथा का गान करते हुए कहा कि मनुष्य का मूल कार्य है सत्कर्म में लगे रहना लेकिन अधिकांश लोग मूल को ही भूलकर बैठ जाते हैं।
श्री महाराज ने कहा कि ठाकुर जी ने ज्ञानप्रकाश सिंह प्रेरित किया कि आप जनपद जौनपुर में एक भव्य कथा का आयोजन कराइए और उनकी प्रेरणा से ही उन्होंने इस तरह की भव्य रामकथा का आयोजन किया जिसका रसपान पूरे जनपदवासी कर रहे हैं। पूर्णाहुति सत्र में भगवान श्रीराम राज्याभिषेक की झांकी अद्भुत सजाई गई थी। हजारों की संख्या में उपस्थित लोगों ने खूब बधाइयां गाईं और नृत्य किए। इस आयोजन के लिए महाराज जी ने मुख्य यजमान ज्ञान प्रकाश सिंह को सपरिवार व्यासपीठ से उनके खुशहाल जीवन के लिए आशीर्वाद दिया।
श्री महाराज ने कहा कि मनुष्य को संसार की चर्चा और चिंता करने से पहले स्वयं के बारे में विचार करने की जरूरत है। हमें अपने स्वयं के लिए भगवान के आश्रय में जाने की आवश्यकता होती है किसी और के लिए नहीं। भक्ति पथ पर रहने के लिए ही निरंतर भगवान की कथा का श्रवण करना आवश्यक है। केवल जगदीश में रहने से ही कल्याण होगा। पूज्य महाराज ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या यह है कि व्यक्ति अपने शरीर को ही स्वयं की उपस्थिति मान लेता है जबकि वास्तविकता यह है कि शरीर तो एक माध्यम है उस आत्मा का जो परमात्मा से यह कहकर धरती पर आता है कि हम आपका ही गुणगान करते हुए आपके चरणों तक पहुंचने का प्रयास करेंगे। पूज्य महाराज जी ने कहा कि अगर सामान्य मनुष्य को भगवान तक पहुंचने की यात्रा करनी है तो सबसे पहले उन्हें सतगुरु के आश्रम में जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गृहस्थ जीवन में रहने वाले लोगों को अपने सारे कार्य करते हुए साल में एक बार किसी न किसी धाम में पहुंचने का प्रयास करना चाहिए। श्री महाराज ने कहा कि सबको अपने अपने कार्य में लगे रहना चाहिए। जैसे हनुमान जी का अवतार ही रामजी के कार्य के लिए हुआ था। हनुमान जी का सारा कार्य छोड़कर भगवान राम के कार्यों को ही पूरा करने में हमेशा लगे रहते थे। इसी प्रकार मनुष्य को अपना जो कार्य है निष्ठा और लगन से करना चाहिए। जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र ने भी व्यासपीठ की आरती उतारी। यह कथा सेवाभारती के बैनर तले चल रही है।
इस मौके पर पूर्व जिला पंचायत सदस्य कमला सिंह, वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत सिंह, माउंट लिट्रा जी स्कूल के डायरेक्टर अरविंद सिंह, मुरली पाल, संजय पाण्डेय, आयोग के सदस्य डॉ. आरएन त्रिपाठी, सेवाभारती के जिलाध्यक्ष डॉ. तेज सिंह, डॉ. वेदप्रकाश, सुरेश, डॉ. बीएस उपाध्याय, वरिष्ठ अधिवक्ता वीरेंद्र सिंह, अमित सिंह, शिक्षक नेता दीपक सिंह, शिवा सिंह, रजनीश श्रीवास्तव, डॉ. संजय सिंह हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।
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