वीगन फूड : जीवन में आएगा बदलाव | #NayaSaveraNetwork

वीगन फूड : जीवन में आएगा बदलाव | #NayaSaveraNetwork

  • दूर हो जाएंगी जीवनशैली से जुड़ी कई गंभीर बीमारियां
  • शुगर, मोटापा, बीपी, हाइपरटेंशन हो जाएंगे छू मंतर
  • रिवर्स हो जाएगी हमारी लाइफ

नया सवेरा नेटवर्क

हमारा प्यारा देश बहुरंगी विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का देश है। हमारे देश में विविध प्रकार की संस्कृति, भाषा, खान-पान, रहन-सहन, पहनावा और कई धर्मों को मानने वाले रहते हैं। खान-पान के मामले में हमारे देश का तो कोई जवाब ही नहीं है। भारत में कोई आधिकारिक राष्ट्रीय भोजन नहीं है। हालांकि, खिचड़ी को भारत का राष्ट्रीय भोजन माना जाता है। खिचड़ी को राष्ट्रीय भोजन बनाने के पीछे की वजहें ये हैं कि यह एक सरल और पौष्टिक भोजन है। यह सभी वर्गों के लोगों के लिए आसानी से पकने वाला भोजन है। यह भारत के सभी राज्यों में लोकप्रिय है। यह कम खर्च में बनती है। भारत के कुछ और प्रसिद्ध व्यंजन हैं जिनमें मसाला डोसा, दाल मखनी, पापड़ी चाट, पालक पनीर, बिरयानी, राजमा चावल, मसाला चाय शामिल हैं। दक्षिण भारतीय खाने में मुख्य रूप से तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और केरल राज्यों के व्यंजन शामिल हैं इनमें पेरुगु पुरी, इडली, डोसा, सांभर, पोंगल जैसे व्यंजन शामिल हैं। बीते कुछ वर्षों से फास्ट फूड का चलन तेजी से बढ़ा है और तो और लोग अब बाहर का खाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। सप्ताह में एक या दो दिन लोग बाहर का भोजन कर रहे हैं।
पाश्चात्य संस्कृति को अपनाते-अपनाते हमारी जीवनशैली एकदम बदल गई है। सुबह लोग देरी से उठ रहे हैं और उठते ही भागना शुरू कर देते हैं। देर रात तक लोग सोते हैं। नींद भी पूरी नहीं हो पा रही है। देर रात तक लोग भोजन कर रहे हैं जो हमारे शरीर के लिए जहर के समान हैं। इसी जीवनशैली से हमारा जीवन एक समय बाद कांटों से भर जाता है, फिर एक के बाद एक बीमारियां घेरने लगती हैं। शुगर, बीपी, हार्ट, लीवर आदि से संबंधित नाना प्रकार की बीमारियां से इंसान घिर जाता है और फिर जितना जीवन बचा है पूरे जीवनभर दवाइयां खाता है। इन बीमारियों के पीछे सिर्फ और सिर्फ एक कारण है हमारी जीवनशैली और खानपान। अगर हम इन दोनों चीजों को सुधार लें तो निश्चित रूप से हमें नया जीवन मिल जाएगा। खान-पान की बात करें तो इन दिनों वीगन फूड चर्चा में है।
चाइना, अमेरिका के स्कॉलरों ने एक शोध किया और पाया कि वीगन फूड को अगर अपने दिनचर्या में शामिल किया जाय तो हमारी जिंदगी हमें दोबारा मिल सकती है। कहने का तात्पर्य है कि हमें शुगर, बीपी, मोटापा, हाइपरटेंशन आदि से छुटकारा मिल सकता है। हमारे जीवन में एक नया बदलाव देखने को मिलेगा और हमारी जिंदगी खिलखिला उठेगी। वीगन फूड की बात करें तो इसमें कोई मांस, डेयरी, अंडे, शहद, जिलेटिन या अन्य पशु उत्पाद या उप-उत्पाद शामिल नहीं होते हैं। यह पौधे आधारित आहार पर आधारित है जिसमें फल, सब्जियां, अनाज, फलियां, मेवे और बीज शामिल हैं। ऐसे फूड जो पेड़-पौधों से हमें मिलते हैं और उन्हें पकाना नहीं पड़ता। सबसे बड़ी बात यह है कि इनको अपनाने से प्रोटीन, विटामिन, खनिज की पूर्ति तो होगी ही लेकिन यह बेहतर स्वास्थ्य परिणामों में सहायक हो सकते हैं, जैसे हृदय रोग, कुछ कैंसर और टाइप 2 मधुमेह का जोखिम कम होना। अध्ययनों से पता चला है कि शाकाहारी आहार गठिया के लक्षणों को कम कर सकता है।
आज हर कोई फिट रहने के लिए क्या कुछ नहीं कर रहा है लेकिन हमें फिट रहना है तो सबसे पहले हमें सफेद मैदा, सफेद चीनी, सफेद नमक को बिना कुछ सोचें समझे हमेशा के लिए बंद करना होगा। यह सब भले ही तुरंत नुकसान नहीं पहुंचाते लेकिन ये स्वीट पॉइजन से कम नहीं हैं। धीरे-धीरे यह मनुष्य को खोखला कर देते हैं। साबुत अनाज, फल, सब्जियाँ, बीन्स, मटर, मेवे, बीज अगर आप खाना शुरू करते हैं तो आपका मोटापा कम हो सकता है। शाकाहारी भोजन करने से आपको अपने हृदय के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी मदद मिल सकती है। इसके अलावा, यह आहार टाइप 2 मधुमेह और कुछ कैंसर से कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
कई अध्ययनों में बताया गया है कि शाकाहारी आहार में अधिक फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और लाभकारी पौधे यौगिक होते हैं। वे पोटेशियम, मैग्नीशियम, फोलेट और विटामिन ए, सी और ई से भी समृद्ध प्रतीत होते हैं। शाकाहारी आहार टाइप 2 मधुमेह और गुर्दे की कार्यक्षमता में गिरावट के लिए भी लाभ प्रदान कर सकता है। भले ही आप पूरी तरह से शाकाहारी न हों, लेकिन स्वस्थ पौधे-आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन बढ़ाने और मांस- और डेयरी-आधारित खाद्य पदार्थों का सेवन कम करने से आपके टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम हो सकता है। इन दिनों वीगन फूड का महत्व तेजी से बढ़ रहा है, इसकी शुरूआत चाइना, अमेरिका जैसे महाशक्तिमान देशों में हो चुकी है। हमारे देश में भी इसकी शुरूआत मुंबई से हो चुकी है। एक संस्था अब वीगन फूड को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही है। संस्था के पदाधिकारी एक दिन के लिए वीगन फूड तैयार करते हैं और संस्था में आने वाले लोगों को खिलाते हैं और उन्हें यह प्रक्रिया प्रतिदिन दोहराने के लिए कहते हैं।
वीगन फूड को वाकई अपने जीवन में अपना लिया गया तो जीवन में बदलाव आना तय है। आयुर्वेद के कुछ विशेषज्ञ कहते हैं कि जानवर भी कच्चा ही खाते हैं जिसके चलते उन्हें किसी प्रकार की बीमारी नहीं होती। कोई भी पशु-पक्षी रात को भोजन नहीं करता है लेकिन एक इंसान ही ऐसा है जो पकाकर खाता है और रात को भी खाता है। अगर हम इन सब चीजों पर थोड़ा से ध्यान देकर बदलाव करेंगे तो निश्चित रूप से वीगन फूड हमारी लाइफ को रिवर्स में लेकर जाएगा।


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