#Poetry: दास्ता- ए - कलाम | #NayaSaveraNetwork
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दास्ता- ए - कलाम
" डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम "
सलाम- सलाम- सलाम
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम
15 अक्टूबर सन 19 सौ इकत्तीस
दक्षिण भारत के तमिलनाडु प्रांत
सन्निकट रामेश्वरम था कस्बा
हुए अवतरित धनुषकोटि था ग्राम
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम
सलाम- सलाम- सलाम
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम।
प्राइमरी स्कूल में शुरू किये पढ़ाई
किए स्नातक विषय रहा विज्ञान
करने को भारतीय फौज के लाइन
तूँ हेलिकॉप्टर किया डिजाइन
छोड़ कर भारतीय रक्षा अनुसंधान
थाम लिया अंतरिक्ष अनुसंधान
किए शुरू अद्भुत उपग्रह का काम
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम
सलाम- सलाम- सलाम
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम।
'रोहिणी'उपग्रह आकाश दिखा कर
निकट पृथ्वी के स्थापित कर
किए गौरवशाली अपना योगदान
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम।
सलाम- सलाम- सलाम
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम
15 अक्टूबर सन 19 सौ इकत्तीस
दक्षिण भारत के तमिलनाडु प्रांत
सन्निकट रामेश्वरम था कस्बा
हुए अवतरित धनुषकोटि था ग्राम
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम
सलाम- सलाम- सलाम
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम।
बने निदेशक विकास संगठन
सहित तूँ फिर रक्षा अनुसंधान
अग्नि पृथ्वी व आकाश मिसाइल
प्रक्षेपित कर बन गए बेमिसाल
पदासीन निदेशक के दरमियान
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम।
तेरा अंतरिक्ष और भारतीय रक्षा में
रहा अद्वितीय गौरवमई योगदान
तुझे सुशोभित भारत रत्न सम्मान
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम।
पोखरन परमाणु परीक्षण नेतृत्व में
आपका रहा उत्कृष्ट योगदान
किए सफल ऐतिहासिक अभियान
तब से जय जवान-जय किसान
के साथ-साथ जुड़कर जय विज्ञान
का नारा गूँज उठा आसमान
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम।
किए सुशोभित राष्ट्रपति पद
25 जुलाई 2002 के दरमियान
रहा ऐतिहासिक गौरवशाली
प्रथम नागरिक का सम्मान
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम
सलाम- सलाम- सलाम
विजयी स्वदेश का दिली सलाम
सलाम- सलाम- सलाम
डॉ0 अब्दुल कलाम तुझे सलाम।
कलमकार-
विजय मेहंदी(कविहृदय शिक्षक)
प्रा0वि0 मंगरी,बरसठी
जौनपुर(उ0प्र0)
9198852298