#JaunpurNews : अमर्त्य पत्रकार स्मृतिशेष पं० चंद्रेश मिश्र की तृतीय पुण्यतिथि मनाई गई | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। अमर्त्य पत्रकार स्मृतिशेष पंडित चंद्रेश मिश्र की तृतीय पावन पुण्यतिथि पर गोष्ठी और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन पत्रकार भवन, कलेक्ट्रेट जौनपुर मे सोमवार को किया गया । प्रथम सत्र में मानस कथा एवं द्वितीय सत्र में श्रद्धांजलि सभा आयोजित हुई। प्रथम सत्र में मानस मर्मज्ञ आरपी ओझा ने श्रीरामचरितमानस का संदर्भ देते हुए कहा कि "सोई जननी सोई सुत बड़भागी जो पितु मातु चरन अनुरागी" । उन्होंने आदर्श पुत्र की व्याख्या करते हुए बताया इस जगत् में उसी का जन्म धन्य है, जिसको माता-पिता प्राणों के समान प्रिय हैं, उसके करतल (मुट्ठी) में चारों पदार्थ अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष रहते हैं। भरत महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि पद पर शासन करना भोग कहलता है पादुका रख सेवा करना योग कहलाता है। द्वितीय सत्र के श्रद्धांजलि कार्यक्रम में मुख्य अतिथि काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्रोफेसर आर.एन. त्रिपाठी ने कहा कि श्रद्धेय पंडित जी की पत्रकारिता भगवान् की वंशी की तरह अनवरत बजती रहेगी। आप चन्द्रमा की तरह शीतल आचरण वाले एवं धारदार पत्रकारिता के पुरोधा रहे। आयोजक अशोक मिश्र को साधुवाद देते हुए कहा कि लोग वरासत को संभालने मे लगे हैं आप विरासत को संभाल रहे हैं।
विशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्वांचल वि.वि. जौनपुर के अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष एवं जनसंचार विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मनोज मिश्र ने कहा कि पंडित चंद्रेश जी नागरिक पत्रकारिता को जीवन मे सदैव सर्वोच्च स्थान पर रखा।समाज में पूजनीय वही होता है जो समाज के हित के लिए काम करता है। कुटीर पीजी कॉलेज के प्रबंधक डॉ० अजयेन्र्द कुमार दुबे ने कहा कि जनपद जौनपुर में आजादी की जंग में बहुत सारे पत्रकारों का योगदान रहा । उन्ही बसे प्रेरित पंडित चंद्रेश मिश्र की पत्रकारिता तीर्थराज प्रयाग की तरह निर्मल रही है। कार्यक्रम की अध्यक्षता पं० रामकृष्ण त्रिपाठी ने किया।
वशिष्ट नारायण सिंह एवं कपिल देव मौर्य ने पंडित जी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों का आभार ज्ञापन अशोक मिश्र ने माल्यार्पण ,अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न देकर किया। इस अवसर पर पंडित भूषण मिश्र , डॉ.देवेश उपाध्याय, गौरीशंकर मिश्र, अनिल सिंह, राजीव सिंह, रामदयाल द्विवेदी, प्रभाकर त्रिपाठी,शिवानंद शुक्ल समेत प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सभाजीत द्विवेदी प्रखर ने किया।
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