#Article: लुटती जनता आवाक देख रही है | #NayaSaveraNetwork

नया सवेरा नेटवर्क

नहीं मिल रही सहूलियत आरक्षित टिकट कराने वाले रेल यात्रियों को| सरकार रेलवे यात्रा करने वाले यात्रियों को सुगमता से यात्रा करवाने के नाम पर आरक्षित सिट का भरपूर पैसा लेती है|पर सहूलियत सफेद हाँथी जैसी ही है|वेटिंग लिस्ट वालों से पूरा रिजर्वेशन का चार्ज ले लेती है|और अंतिम दिन सर चार्ज के बहाने टिकट वापसी का भी शुल्क, पर सिट 100 से 150 तक काटके पैसा देती है|पहले लोग वेटिंग टिकट लेकर आरक्षित डिब्बे में यात्रा कर लेते थे|जिससे आरक्षित डिब्बा आरक्षित कम जनरल डिब्बे से भी बदतर हो जाता था||लोगों की शिकायतों पर ध्यान देते हुए सरकार ने वेटिंग वालों को पूरी तरह बंद कर दिया|जिससे आरक्षित कराने वाले यात्रियों में  खुशी की लहर दौड़ गई|लेकिन ये क्या? यह भी तो सफेद हाँथी जैसा दिख रहा है|

वेटिंग लिस्ट वालों को तो रोंक दिये,जो इस उम्मीद में  टिकट ले लिए थी कि अंतिम समय तक कन्फर्म हो जायेगा|लेकिन हुआ नहीं|वे चार गुना पैसा देकर भी हाँथ मलते रह गये|और जो जनरल का पैसा दिया,वह मजे से आरक्षित डिब्बों में सफर कर रहा है|और आरक्षित सिटों पर जबरी बैठकर|कुछ तो ऊल जलूल भी बकते हैं,और लोकल होने का धौंस भी जमाते हैं|उन्हें रोकने के लिए न  कोई टीसी दिखता है न नव गठित स्वाड न सिपाही|उनसे कोई पूँछता ही नहीं कि आप किस हैंसियत से इस डिब्बे में यात्रा कर रे हैं|क्या आपको यह  परमीशन सरकार ने दे रखी है कि आप एक्सप्रेस ट्रेन को लोकल बना दो|आप दूर के पैसेंजरों को तकलीफ दो| इन लोकल पैसेंजरों को सरकार अरक्षित डिब्बों में यात्रा करने दे रही हैं|जो 25 से 50 रू.का टिकट लेते हैं|कितने तो लेते ही नही|

तो वेटिंग लिस्ट वालों को यात्रा करने से क्यों रोंकती है सरकार|यह जनता के साथ सरकार की खुली लूट है|जनता से इस तरह की लूट बंद होनी चाहिए|यदि आरक्षित टिकट कोई वापस करता है तो उससे वापसी का शुल्क न लिया जाय| वेटिंग लिस्ट को तो उल्टे सरकार को व्याज देना चाहिए|क्योंकि सरकार उनके पैसे को महीना चार महीना कम से कम बैपरती है|दंड सरकार को देना चाहिए,लेकिन सरकार गले  पर अदृश्य तमंचा रखके जनता से ही वसूली कर रही है|यदि वेटिंग लिस्ट वाले आरक्षित डिब्बे में नहीं घुस सकते तो लोकल वाले पैसेंजर को भी घुसने न दिया जाय|बहुत तकलीफ होती है दूर के यात्रियों को|

सरकार ने अच्छी पहल की कि वेटिंग लिस्ट वालों को आरक्षित डिब्बों से बाहर रखा|लेकिन वेटिंग टिकट लेने वालों की मजबूरी का ध्यान नहीं रखा|उसके लिए भी सरकार को इंतजाम करना चाहिए था|उनके साथ सौंतेला व्यवहार उचित नहीं है|उनको भी सुगम यात्रा कराने के लिए सरकार को इंतजाम करना चाहिए|नहीं तो वेटिंग टिकट की व्यवस्था बंद कर दे|कम से कम जनता के साथ दिन दहाड़े लूट तो नहीं होगी|

आम जनता सरकार से सुरक्षा महसूस करती है|इसी लिए हर 5 साल में गर्मी शर्दी बरसात की परवाह किए बिना चुनाव में वोट डालती है|वो भी लम्बी कतार में खड़ी होकर|इसलिए नहीं कि सरकार कभी रोजगार उपलब्ध कराने लिए लूटे|कभी यात्रा के दौरान लूटे|कभी टैक्स तो मंहगाई बढ़ाकर लूटे|वो यह सोंचकर सरकार चुनती है कि सरकार हमें सुविधा देकर हमारे जीवन की कठिनाइयों को दूर करेगी|मगर हर बार वही ढाक के तीन पात|आज तक कोई भी सरकार जनता को लूटने का कोई मौका छोड़ा नहीं है|न शायद छोड़ेगी ही|हर बार हर जगह आम जनता लुट रही है|और अवाक हो देख रही है,कभी खुद को तो कभी लूटने वाली सरकारों को|

आरक्षित रेलवे का टिकट जो खिड़की पर पा जाता है वह समझता है जैसे चीन को परास्त कर दिया|यह आलम है|आरक्षित टिकट मिलने का|उस पर भी यदि यात्रा तकलीफ दायक हो तो|मवाद में कीड़े पड़ना जैसे महसूस होता है|आज ब्लैकमार्केटिंग चरम पर है|अाम जन को खिड़की पर बमुश्किल आरक्षित टिकट मिलता है|वहीं ब्रोकर आसानी से दोगुना तीन गुना पैसा लेकर टिकट दे देता है|कैसे? यह सवाल भी सरकार को हल करना चाहिए|मगर सरकार का क्या? सरकार तो शायद यह सोंच रही है,अपना काम बनता,भाड़ में जाये जनता|इस सोंच से सरकार को निकल कुछ जनहित के काम करने चाहिए|जिसमें दूर के महानगरों में रहने वाले मजदूरों की तकलीफों को प्रमुखता दे|जिससे शहर शोभायमान हैं|उनके जीवन को भी शोभायमान छोटी छोटी सहूलियतें प्रदान कर सरकार करे|
पं.जमदग्निपुरी

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वरिष्ठ भाजपा नेता ज्ञान प्रकाश सिंह की तरफ से स्वतंत्रता दिवस, रक्षाबंधन एवं श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं  | #NayaSaveraNetwork
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