सत्याग्रह एक्सप्रेस के टॉयलेट और कोच व्यवस्था में हुआ सुधार | #NayaSaveraNetwork

  • टॉयलेट और बेसिन के सभी त्रुटि वाले नलों को बदला गया
  • साफ सफाई और ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस के संवेदक भी बदले गए

नया सवेरा नेटवर्क
शिक्षाविद डॉ. (प्रो.) स्वयंभू शलभ की शिकायत पर रेलवे द्वारा रक्सौल जं. और आनंदविहार टर्मिनल के बीच चलनेवाली सत्याग्रह एक्सप्रेस (गाड़ी सं. 15273) की टॉयलेट और कोच व्यवस्था में सुधार किया गया है। ट्रेन के सभी टॉयलेट और बेसिन के सभी त्रुटि वाले नलों को बदल दिया गया है। साथ ही रास्ते में टॉयलेट की साफ सफाई हेतु कोच मित्र कर्मचारी कार्यरत हैं। साफ सफाई की गुणवत्ता में सुधार हेतु साफ सफाई एवं ऑन बोर्ड हाउसकीपिंग सर्विस के संवेदक को बदल दिया गया है। महाप्रबंधक कार्यालय, पूर्व मध्य रेलवे के सचिव राजीव कुमार सिंह ने डॉ. शलभ को भेजे पत्र में बताया है कि इस आदेश पर सक्षम अधिकारी का अनुमोदन प्राप्त है। इस पत्र की प्रति सहायक सम्पदा अधिकारी, पूर्व मध्य रेलवे को भेजी गई है। 

गौरतलब है कि डॉ. शलभ ने सत्याग्रह एक्सप्रेस के कोच और टॉयलेट के मेंटेनेंस की ओर रेल मंत्रालय (रेल बोर्ड) का ध्यान आकृष्ट कराते हुए टॉयलेट और बेसिन के खराब पड़े नलों को दुरुस्त करने और कोच समेत टॉयलेट की साफ सफाई पर विशेष ध्यान देने की मांग की थी।




डॉ. शलभ ने सत्याग्रह एक्सप्रेस की यात्रा अवधि कम करने की भी मांग रेल बोर्ड से की है जिस पर निर्णय आना बाकी है। बताया है कि यह ट्रेन मात्र 957 किमी दूरी तय करने में 24 घण्टे से अधिक समय लेती है। यह ट्रेन रक्सौल जं. से 8.40 बजे निकलकर दूसरे दिन सुबह 9.10 बजे आनंदविहार टर्मिनल पहुंचती है। वहीं आनंदविहार से शाम 5.30 बजे निकलकर रक्सौल जं. दूसरे दिन शाम 5.35 बजे पहुंचती है। बीच के स्टेशनों पर अक्सर ट्रेन निर्धारित समय से पहले पहुंच जाती है और वहाँ देर तक रुकने के बाद फिर अपने निर्धारित समय पर खुलती है। इससे यात्रा में अनावश्यक देरी होती है और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। केवल 957 किमी की दूरी के लिए 24 घण्टे से अधिक का समय लगना अप्रत्याशित भी है और अनावश्यक भी। इस विंदु को संज्ञान में लेकर समय सारणी में यथोचित संशोधन कर यात्रा अवधि को कम करने की मांग की गई है।


नया सबेरा का चैनल JOIN करें