#Poetry: मोरे मुंबई क फुटल बा बेवाई पिया | #NayaSaveraNetwork
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सुरेश मिश्र |
नया सवेरा नेटवर्क
मोरे मुंबई क फुटल बा बेवाई पिया
का तोहइं बताई पिया न।
जबसे आइ मानसून,
भइ बीएमसी अफलातून,
गटर साफ नाहीं,बीति गइ जुलाई पिया
का तोहइं बताई पिया न।
मजा मारइं भ्रष्टाचारी,
खुब चलत बा ठेकेदारी,
जे चढ़उवा दे,उहइ बनइ जवांई पिया
का तोहइं बताई पिया न।
गली-गली लागे जाम,
कतहुं भइल नाहीं काम,
रोड वाला गड़हा अबले न भराई पिया
का तोहइं बताई पिया न।
जे करत हउवें दलाली,
वोकरा रोजइ बा दिवाली,
हिंदू -मुस्लिम होए,चाहे सिख-इसाई पिया
का तोहइं बताई पिया न।
घाटकोपर वाला घाव,
मनई मरि गएन बेभाव,
अस्पतलिया मा मिलइ नाही दवाई पिया
का तोहइं बताई पिया न।
कुर्ला, अंधेरी, कमानी,
शरम से बा पानी-पानी,
हिंदमाता में हर साल बा कमाई पिया
का तोहइं बताई पिया न।
खाली सत्ताइस समान,
शाला में बा घमासान,
गुरू 'बियलो' भइले,होइ न पढ़ाई पिया
का तोहइं बताई पिया न।
जहवां देखा खोदा-खोदी,
ट्रैफिक मा फंसल बा रोगी,
पिय सुरेश कऽ भी आवेला रोवाई पिया
का तोहइं बताई पिया न।