कजरी | #NayaSaveraNetwork
मनवा लहकत बा कूदि परधानी में
का बा जजमानी में ना
मारि सेंट छिड़काउब, एक्खे बूलैरो लियाउब
टुटही सइकिल से मन बा परेशानी में
का बा जजमानी में ना
काहे सिधा गठियाइ, पेनभ सूट-बूट टाई
मजा लिहब हमहू सबके खिंचातानी में
का बा जजमानी में ना
करि पूजा सबके पाठ, रुपिया मिलै गिनि के साठ
अब न रुपिया के रहब परेशानी में
का बा जजमानी में ना
रहे दुलहिनी के राज, साड़ी गहना साज-बाज
नाहि कमी रहे ठाट-बाट शानी मे
का बा जजमानी में ना
पांच साल करब काम, ओकरे बाद फेरि अराम
नाहि रहब घरे, रहब राजधानी में
का बा जजमानी में ना
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पंकज तिवारी
