#JaunpurNews : जौनपुर में रिंगरोड को लेकर श्रेय लेने की होड़ | #NayaSaveraNetwork
- 1 मार्च 2024 को जौनपुर में ही रिंगरोड की घोषणा कर चुके थे गडकरी
- उस समय नहीं लिया था कृपाशंकर सिंह का नाम
- सीमा द्विवेदी के कार्यों की गडकरी ने की थी प्रशंसा
- रिंगरोड के लिए गिरीश ने जताया था गडकरी का आभार
जौनपुर। बीते लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की जनता ने बीजेपी के विजय रथ को रोकने का काम किया है। उसमें सबसे ज्यादा चर्चा अयोध्या की है। इन सबके इतर जौनपुर भी इसमें कम नहीं है। जौनपुर की दोनों सीटों पर भाजपा के प्रत्याशियों को करारी हार का सामना करना पड़ा। इसमें जौनपुर लोकसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी कृपाशंकर सिंह भी हैं, जिन्हें जौनपुर की जनता ने नकार दिया। अब चुनाव में मिली हार को स्वीकार करने के बाद कृपाशंकर सिंह इन दिनों भाजपा कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
सोमवार को कृपाशंकर सिंह की एक खबर चर्चा में थी वह यह कि जौनपुर में कृपाशंकर सिंह के प्रयास से 4 हजार करोड़ की लागत से फोरलेन रिंगरोड बनेगा जिससे जाम से मुक्ति मिलेगी। चुनाव में मिली हार के बाद शायद कृपाशंकर सिंह यह भूल गए कि 5 माह पहले ही 1 मार्च 2024 को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जौनपुर आए थे और उन्होंने जौनपुर में 10 हजार करोड़ की सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास किया था। उस दौरान नितिन गडकरी ने कृपाशंकर सिंह का नाम तक नहीं लिया था, अगर यह कार्य उनके प्रस्ताव से हुआ था तो उस समय नितिन गडकरी को उनके नाम का जिक्र करना चाहिए था।
कार्यक्रम में राज्यमंत्री गिरीश यादव ने रिंग रोड को लेकर एक दिलचस्प कहानी सुनाई थी। उन्होंने उस वक्त कहा था कि मुझे याद है जब माननीय मंत्री (नितिन गडकरी) जी मछलीशहर में आए थे, मैं माननीय मुख्यमंत्री (योगी आदित्यनाथ) जी के बगल बैठा था, माननीय मुख्यमंत्री जी से कहा कि जौनपुर का रिंग रोड मैं चाहता हूं, मांग करुं या न करुं, तो उन्होंने कहा कि बहुत लंबा तो नहीं है, मैंने कहा बहुत लंबा नहीं है, लेकिन मैं जब उनकी थोड़ी सहमति मिली तो मैंने इस बात की मांग किया था कि जौनपुर में रिंग रोड बनना चाहिए जिससे आवागमन की बहुत असुविधाएं होती है क्योंकि जौनपुर में अगर प्रयागराज जाए तो भी रेलवे क्रासिंग, बनारस जाए तो भी रेलवे क्रासिंग, शाहगंज-अम्बेडकरनगर जाए तो भी रेलवे क्रासिंग, इस तरह से जौनपुर घिरा हुआ था।
इस कार्यक्रम में जब केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपना भाषण शुरू किया तो उन्होंने राज्यसभा सांसद सीमा द्विवेदी की प्रशंसा करते हुए कहा था कि जौनपुर की अनेक समस्याओं का पीछा सीमा जी करती थी और बार-बार मुझे आग्रह करती थी ये कार्य पूरे करके दीजिए। उन्होंने जो कार्य बताए थे आज पूरे हो गए है। उन्होंने जौनपुर में 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं के बारे में जिक्र करते हुए कहा था कि जौनपुर से 3000 करोड़ की लागत से 70 किलोमीटर फोरलेन, रिंगरोड बनाया जा रहा है, जिसमें 19 किलोमीटर मार्ग बन गया है और करीब 2000 करोड़ की लागत से 30 किमी का काम अब स्वीकृत किया गया है जो 2024 में अवार्ड हो जाएगा।
अब सवाल यह उठता है कि जब 1 मार्च 2024 को नितिन गडकरी ने 3000 करोड़ की लागत से 70 किमी रिंगरोड बनाने की घोषणा की थी, जिसमें 19 किमी मार्ग बन चुका है तो फिर अचानक से कृपाशंकर सिंह क्यों जागृत हो उठे कि उनके प्रयास से जौनपुर में रिंगरोड बनेगा। कुल मिलाकर भाजपा के अंदरखाने में कुछ सामान्य नहीं चल रहा है। अब विकास कार्यों के श्रेय लेने की होड़ शुरू हो गई है जो भाजपा के अंदरखाने में टकराव के साफ संकेत दे रहे है। ऐसे ही चलता रहा हो बड़ी कठिन हो जाएगी डगर पनघट की...।
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