#BareillyNews: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बरेली में 57 वर्ष से सेवारत | #NayaSaveraNetwork



  • अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता जीवन प्रबंधन विशेषज्ञ शिवानी बहन ने विशप मंडल में दिया था ज्ञानपूर्ण उद्वोधन

निर्भय सक्सेना @ नया सवेरा नेटवर्क

बरेली। वर्ष 1961 में विश्व शांति, विश्व बंधुत्व एवम विश्व एकता का संदेश लेकर स्थापित हुए प्रजापिता ब्रह्माकुमारी  ईश्वरीय विश्व विद्यालय 2017 में स्वर्ण जयंती वर्ष मना कर अब 57 वर्ष में पहुंच गया। जबकि के देश में उसके संस्था 87 वर्ष  की हो गई और देश में इसके 4500 केंद्र हैं। 140 से अधिक देश में भी इसके केंद्र हीन जिसमे संवाद होते रहते हैं। इसका अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान में है जिसका मुख्य प्रशाशिका रतन मोहिनी दादी करती हैं।

बरेली में अभी विशप मंडल में इस संस्था ने एक बड़ा कार्यक्रम किया जिसमे अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता  जीवन प्रबंधन विशेषग शिवानी बहन ने कहा कि जीवन में आपके साथ कोई गलत करता है तो उसे क्षमा करें। अपना जीवन का हर दिन उमंग ताजगी ही जिएं। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बरेली क्षेत्र की ओर  से  होली, दीपावली, दशहरा व उत्तरायणी मेला व रोटरी क्लब मेला आदि मे आध्यात्मिक प्रदर्शनी, आर्मी, बैंक, इफको , जेल, स्कूल, आई .वी. आर आई आदि में तनाव मुक्त जीवन पर कार्यक्रम तथा रक्षा बंधन के पर्व विशिष्ट व्यक्तियों, अनाथ आश्रम, आई. टी. बी. पी. के भाईयों की कलाईयों पर रक्षासूत्र बांधना व रक्षा बंधन के महत्व को बताने के कार्यक्रम होते रहते हैं। बरेली में भी प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय लय के स्वर्णिम 56 वर्ष पूरे कर चुका है। वर्तमान में बरेली में क्षेत्रीय संचालिका पार्वती दीदी, नीता दीदी, पारुल दीदी, जानकी दीदी एवम कई अन्य समर्पित बहनें भी हैं। 



वर्ष 1967 में तत्कालीन जेलर स्वर्गीय उदय भान सिंह चौहान व शाहजहाँपुर के स्वर्गीय  ब्रजेन्द्र कुमार गुप्ता जज  ने इस विश्व विद्यालय का बीज रोपा था जिसे राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी स्वर्गीय कौशल्या दीदी, जिन्हे स्नेहवश सभी कौशली दीदी भी कहते थे, ने देहरादून से आकर बरेली संस्था की बागडोर संभाली थी। उनको  समय समय ब्रह्माकुमारी प्रेम दीदी भी सहयोग करती थी। वर्ष 1967 में सेवायें सिविल लाइंस, बरेली जहां मछली दफ्तर हुआ करता था, वहां से आरम्भ होते हुये, एस. वी. इन्टर कालेज व चौपुला रोड पर दो कमरों के मकान तक आ गया।  अपने अथक प्रयासों से, संसाधनों के अभाव में भी दिन रात सेवा की तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से उत्तराखण्ड तक प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सेवाओं का विस्तार किया। उनके निरन्तर प्रयास व सेवा से उस नन्हे बीज ने धीरे-2 पौधे का, पौधे से वृक्ष का तथा आज एक वट वृक्ष का रूप ले लिया है। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की शाखाओं के रूप में लगभग 30 सेवा केन्द्र, उप सेवा केन्द्र व 250 गीता पाठशालाये है।
बरेली में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की और से वर्ष 1980 में प्रथम प्रदर्शनी अग्रसेन पार्क व आर्डिनेंस वस्त्र कारखाना ;मंदिरद्ध में विश्व नव निर्माण आध्यात्मिक मेले के नाम से लगाई गयी जिसमें क्षेत्रीय लोगो ने भाग लेकर सराहना की। वर्ष 1980 - 1990 तक बरेली, रामपुर, बहेड़ी, व काशीपुर में ब्रह्माकुमारीज के  अनेक सेवा केन्द्र व गीता पाठशालायें स्थापित कर ली गयी। वर्ष 1994 संस्था में समर्पित भाई राजयोगी ब्रह्माकुमार स्वर्गीय राज कृष्ण  ने अपना तन, मन व धन लगाकर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय बजरिया पूरनमल, बरेली के पहले सेवा केन्द्र की स्थापना की, जिसका उद्घाटन तत्कालीन मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणी  द्वारा किया गया जिसमें शहर के गणमान्य व सामान्य जनांे ने भाग लिया।



वर्ष 1996- धामपुर में सेवा केन्द्र का शुभारम्भ हुआ। वर्ष 1998- सिविल लाईन्स रामपुर में बी.के. स्वर्गीय राज कृष्ण  के प्रयासों से सेवा केन्द्र की स्थापना की गयी। वर्ष 2000 में सिविल लाईन्स बडे़ डाकखाने के सामने बरेली में सेवा केन्द्र का तथा सितारगंज में भी सेन्टर का शुभारम्भ किया गया। वर्ष 2001 ”द्वादश ज्योर्तिलिंगम रथ यात्राओं“ का आगमन हुआ ;विश्वनाथ व पशुपतिनाथ नेपालद्ध भव्य शोभा यात्रा भी निकाली गयी। वर्ष 2002 जून में नियति अनुसार बरेली आधार स्तम्भ कौशली दीदी ने अपना शरीर मांउटआबू, राजस्थानद्ध में त्याग दिया। तत्पश्चात्  बरेली में पारवती दीदी को इस क्षेत्र की बागडोर सौपी गयी।  दादी प्रकाशमणी,  दादी जानकी, दादी गुलजार के स्नेहाशीष मार्गदर्शन व इलाहाबाद की  बी. के. मनोरमा दीदी के मार्ग दर्शन में नयी नयी शाखायें गीता पाठशालाओं का तो शुभारम्भ हुआ ही साथ ही साथ अनेक  प्रकार के कार्यक्रम भी समय- समय  पर  किये जाते रहे। वर्ष 2005 से 2007 दिवसीय अघ्यात्मिक मेंला, राजयोग शिविर व चैतन्य नवदुर्गा झांकियो का शुभारम्भ किया गया जिसमें सभी वर्गो के लोगो ने भाग लेकर सराहा। वर्ष 2005 में राजेन्द्र नगर बरेली व नबाबगंज तथा आंवला में ब्रह्माकुमारीज के सेवा केन्द्र का शुभारम्भ हुआ। वर्ष 2006 में  युवा पद यात्रा का आगमन हुआ जो नैनीताल से बरेली होते हुए चंडीगढ़ तक गयी। वर्ष 2007 में 7 दिवसीय शक्ति दर्शन अध्यात्मिक मेला काशीपुर  ;उत्तराखण्डद्ध मे, वर्ष 2008 में 7 दिवसीय परमात्म अनुभूति हेतू आध्यात्मिक मेला रामपुर में हुआ। वर्ष 2011 में तीन दिवसीय ब्रह्माकुमारीज संस्था की प्लेटीनम जुबली समारोह जिसमें संगीतमय भागवत कथा का  कार्यक्रम रहा। वर्ष 2011 से 2017 में रानीखेत, भीमताल, द्वाराहाट, भीकियासैंण, बाजपुर, हल्द्वानी में ब्रह्माकुमारीज सेवा केन्द्र की स्थापना तथा रामपुर में नये सेवा केन्द्र की स्थापना व पुन निर्माण किया गया।

वर्ष 2012 में  सद्भावना यात्रा का आगमन व मई 2012 में आन्तरिक शक्तियों का विकास विषय पर तीन दिवसीय कार्यक्रम जिसे वरिष्ठ भ्राता राजयोगी बी. के.सूरज भाई  ;माउंट आबू, राजस्थान  की उपस्थिती में किया गया।
वर्ष 2013 में ग्रामीण महिला सशक्तिकरण अभियान व मांउट आबू से आई उषा दीदी द्वारा  5 दिवसीय गीता ज्ञान रहस्य, गीता का भगवान कौन आदि के सम्बन्ध में एवं रोहिलखण्ड मेडिकल काँलेज बरेली में व्याख्यान दिया गया। वर्ष 2014 में  किसान सशक्तिकरण अभियान का समापन बरेली के नेहरू युवा केन्द्र सिविल लाइन में किया गया।
वर्ष 2015 में  बिलासपुर, पंतनगर, किच्छा, शाहवाद, सिरौली, के सेवा केन्द्रो की स्थापना की गयी।  वर्ष 2015 में शास्वत योगिक खेती अभियान का शुभारम्भ बरेली में किया गया । वर्ष 2016 में  किसान सशक्तिकरण महासम्मेलन हुआ। मई 2016 में 12 दिवसीय अलविदा तनाव शिविर का आयोजन इंदौर से आयी पूनम बहन के सानिध्य  एक लघु  मैराथन दौड़ का भी हुई  जिसमें सभी वर्गो के लोगो ने उमंग के साथ भाग लिया। 2017 में  बरेली में बन्नूबाल कालोनी 67- ए फेस 3 ;निकट मनकामेश्वर नाथ मंदिरद्ध में सेन्टर बनाया गया। इसी कड़़ी मे समय प्रति समय सर्वधर्म सम्मेलन राजयोग के विशेष शिविर लगाकर लोगो को आध्यात्मिकता एवं राजयोग की जानकारी दी गयी। इसके अतिरिक्त नशा मूक्ति का शिविर लगाकर लोगो को नशे की बुराई से दूर करने का सफल प्रयास किया गया व दवाईयां वितरित की गयी। बरेली में समर्पित लोगो में अनुराग जी के अलावा लगभग 1 हजार ब्रह्माकुमार एवम ब्रह्मकुमारी  हैं जिनमे अशोक अग्रवाल, अतुल वर्मा, राम कुमार मौर्य, अनूप आदि इसके लिए कार्यरत हैं। निर्भय सक्सेना संपादक कलम बरेली की। 

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