नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। सहायक श्रम आयुक्त देवव्रत यादव ने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा निर्गत निर्देशों के अनुक्रम में श्रम आयुक्त उत्तर प्रदेश कानपुर द्वारा 1 से 30 जून तक ‘‘बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 एवं संशोधित अधिनियम, 2016‘‘ के अन्तर्गत बाल एवं किशोर श्रमिको के निरीक्षण, चिन्हांकन एवं पुनर्वासन की कार्यवाही सम्पन्न किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। उपरोक्त के क्रम में जौनपुर में बाल एवं किशोर श्रमिकों के निरीक्षण, चिन्हांकन एवं पुनर्वासन हेतु विशेष बाल श्रम चिन्हांकन अभियान संचालित किया जा रहा है जिसमें बाल श्रमिकों के निरीक्षण, चिन्हांकन हेतु टास्क फोर्स का गठन किया गया है जो रोस्टर के अनुसार अपने क्षेत्रों का भ्रमण करते हुए बाल श्रम चिन्हांकन सम्बन्धी कार्यवाही सम्पन्न करेंगे।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के निर्देशों के अनुपालन में 10 जून को श्रम विभाग, एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की संयुक्त टीम द्वारा जौनपुर के नगर क्षेत्र में बाल श्रम अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान नियोजकों को बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 एवं संशोधित अधिनियम, 2016 के प्राविधानों से अवगत कराया गया और सचेत किया गया कि बाल/किशोर श्रमिकों से कार्य न कराया जाय। अभियान के दौरान चिन्हित कुल 4 किशोर श्रमिक जो मौके पर कार्य करते हुए पाये गये, के नियोजकों के विरूद्व अधिनियम का उल्लंघन करते हुए पाये जाने के फलस्वरूप निरीक्षण टिप्पणी निर्गत कर दी गयी है। प्रकरण में दोषी नियोजकोंके विरूद्व नियमानुसार विधिक कार्यवाही अपनायी जा रही है।
उन्होंने जनपद के समस्त व्यापारियों से अपील किया कि वे बाल/किशोर श्रमिकों से कार्य न करायें तथा बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम, 1986 यथा संशोधित अधिनियम, 2016 के प्राविधानों का अनुपालन सुनिश्चित करें। बाल श्रमिकों से कार्य लिया जाना दण्डनीय अपराध है।
0 टिप्पणियाँ