नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल में 72 सदस्यीय मंत्रिपरिषद ने रविवार को शपथ ली और यह संख्या अधिकतम स्वीकृत संख्या 81 से केवल नौ कम है। इससे पहले, 2019 से 2024 तक मोदी की पूर्ववर्ती सरकार की मंत्रिमपरिषद में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 78 रही थी। मौजूदा मंत्रिपरिषद की संख्या इससे छह कम है। मोदी की पूर्ववर्ती सरकार में कैबिनेट विस्तार के बाद 2021 में मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या बढ़कर 78 हो गई थी लेकिन नयी मंत्रिपरिषद से शपथ लेने से पहले सरकार में मंत्रियों की संख्या 72 थी।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के तीसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी सहित अधिकतम 31 कैबिनेट मंत्री हैं। इसके अलावा पांच राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 36 राज्य मंत्री हैं। मोदी के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती सरकार में 26 कैबिनेट मंत्री, तीन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 42 राज्य मंत्री शामिल थे। जुलाई 2021 में जब मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था, तब 30 कैबिनेट मंत्री, 2 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 45 राज्य मंत्री के साथ इसमें अधिकतम 78 मंत्री थे। मंत्रिपरिषद के सदस्यों की अधिकतम संख्या 81 होती है, जो लोकसभा की कुल सदस्य संख्या 543 का 15 प्रतिशत है।
इन 81 सदस्यों में प्रधानमंत्री भी शामिल होते हैं। मई 2019 में 57 मंत्रियों ने शपथ ली थी, जिनमें 24 कैबिनेट मंत्री, नौ राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 24 राज्य मंत्री शामिल थे। मई 2014 में जब भाजपा कांग्रेस को हराकर सत्ता पर काबिज हुई थी, तब मंत्रिपरिषद में 24 कैबिनेट मंत्री, 10 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और 12 राज्य मंत्री समेत 46 मंत्री थे। इनमें खुद प्रधानमंत्री भी शामिल थे। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मई 2009 में प्रधानमंत्री समेत मंत्रियों की अधिकतम संख्या 79 थी। संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के पहले कार्यकाल के दौरान भी मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्रियों की अधिकतम संख्या 79 थी। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार में 1999 में 74 मंत्री थे।
0 टिप्पणियाँ