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वाराणसी। सुबह-ए-बनारस आनंद कानन के काव्य प्रकल्प काव्य मंजरी के पांच वर्ष पूर्ण होने पर मंगलवार को अस्सी घाट पर विशेष समारोह हुआ। इन पांच वर्षों के दौरान जिन कवियों एवं कवयित्रियों ने काव्य मंजरी में काव्यपाठ किया था उनमें से चयनित रचनाकारों ने काव्य संग्रह ‘काव्य मंजरी का विमोचन किया। संस्थापक सचिव डा. रत्नेश वर्मा की परिकल्पना को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका डॉ. मंजरी पांडेय ने मंजिल तक पहुंचाया।
‘काव्य मंजरी का विमोचन करने वालों में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. मुक्ता, कवयित्रि प्रो. रचना शर्मा, डॉ. सविता सौरभ, डॉ. संगीता श्रीवास्तव एवं अलका दुबे, कवियों में मिर्जापुर के प्रकाश श्रीवास्तव, गाजीपुर के शमीम गाजीपुरी, काशी के प्रसन्न वदन चतुर्वेदी, धर्मेंद्र गुप्त ‘साहिल, डॉ. कंचन सिंह परिहार, आलोक ‘बेताब, डॉ. नागेश शांडिल्य, एड. रुद्रानाथ त्रिपाठी ‘पुंज,प्रेम नारायण सिंह, रमेश तिवारी,वासुदेव ओबराय, प्रताप शंकर दुबे, प्रियंका अग्निहोत्री ‘गीत, जगदीश्वरी चौबे, सूर्य प्रकाश मिश्र, सिद्धनाथ शर्मा सिद्ध, प्रमोद मिश्र प्रमुख रहे।
इस साझा संग्रह में 150 रचनाकारों की रचनाएं शामिल हैं। इस अवसर पर डॉ. मंजरी पांडेय, अंकिता खत्री और कला मर्मज्ञ मनीष खत्री का सम्मान किया गया। इसके बाद हुए मासिक आयोजन में मिर्जापुर से रचनाकार प्रकाश मिर्जापुरी एवं बृज उदास, गोरखपुर से सनी बघेल पुल्लू एवं उदीयमान कवयित्रि आकृति विज्ञा ‘दर्पण,गाजीपुर से बीना राय के अलावा काशी के कक्षा नौ के विद्यार्थी मयंक बनारसी ने काव्यपाठ किया।
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