#Poetry: !! वोट से विस्फोट !! | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
!! वोट से विस्फोट !!
चलो चल कर वोट कर दें,
पापियों पर चोट कर दें,
दबा कर उंगली बटन पर
एक नया विस्फोट कर दें,
चलो चल कर वोट कर दें,
चलो चल कर वोट कर दें,
बांटते जो जाति मज़हब
धर्म का उन्माद देकर
लूट लेते हैं हमारी
शक्तियों को मात देकर
चलो उनकी शक्ति को
मत शक्ति से विस्फोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें,
प्रेम धागे में पिरो कर
विविधता को जोड़ दे जो
तोड़कर नफरत हमारे
दिल से दिल को जोड़ दे जो
चलो हम उनके हवाले
लोक शाही बोट, कर दें
चलो चल कर वोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें
भूख भय आतंक से
मुक्ती दिलाने की पिपासा
देश के हर शख़्स को
सम्मान देने को जो प्यासा
चलो उनके प्यास में
हम सब नया जलस्रोत भर दें
चलो चल कर वोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें
भटकता है युवा रोजी
रोटियों की चाह लेकर
बिकल होता बाप का मन
बेटियों की ब्याह लेकर
भ्रष्ट होती नीतियों पर
अंगुलियों से चोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें
लोकशाही के वतन में
देश का राजा बने जो
धर्म का चोला पहन कर
झूठ का ख़्वाजा बने जो
तोड़ कर पाखंड उसका
उस वहम को खोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें ,
निगल कर मानव धर्म को
नवल दीप बुझा रहा जो
उगल कर मज़हब के विष को
चमन को मुरझा रहा जो
ध्वस्त कर मगरूर मन हम
उसके मन को छोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें,
ढूंढ ले जो बन मुसाफिर
नव सृजन का स्रोत प्यारे
त्याग कर निज स्वार्थ को
मां भारती का पग पखारे
चलो ऐसा प्रतिनिधि मां
भारती को भेंट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें
लोक सिंहासन की हम सब
भ्रष्टता विस्फोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दें
चलो चल कर वोट कर दे।
रचनाकार
माता प्रसाद 'मुसाफिर'
(शोध छात्र PRSU)
(प्रयागराज)