Anamika Tiwari 'Annapurna' |
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विधा... काव्य
राम सकल गुण धाम की गाथा
दुनिया के लोगों की गाथा विचत्र है,
भले ही जन्मे एक कोख से मगर आचरण भिन्न है।
संत होय कोई-कोई होते बलबीर,
होते कोई दानी करत आचरण पुनीत।
राम ही ब्रह्म है ब्रह्म से जगत है,
भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न में राम का ही अंश है।
संपूर्ण ब्रह्मांड में केवल राम ही सत्य है,
राममय जग है राममय जग है।
आधुनिकता का दौर आया बड़ा विचित्र है,
रामचरितमानस ही इसका मूल मंत्र है।
अनामिका तिवारी 'अन्नपूर्णा'
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