- जौनपुर लोकसभा और मछलीशहर में महिलाओं का दबदबा
अंकित जायसवाल @ नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। जौनपुर लोकसभा सीट से बसपा ने जब से श्रीकला धनंजय सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है तब से जिले में एक नई चर्चा ने जन्म ले लिया है। लोगों में यह चर्चा है कि क्या बुजुर्ग प्रत्याशियों को महिलाएं पटखनी दे देंगी? क्या बुजुर्ग प्रत्याशियों पर महिलाएं भारी पड़ेंगी? अब तक घोषित प्रत्याशियों में एकमात्र महिला प्रत्याशी श्रीकला धनंजय सिंह को युवाओं का जबर्दस्त समर्थन मिल रहा है। वह महिलाओं के बीच भी तुरंत ही घुल-मिल जा रही हैं। ऐसा लगता ही नहीं कि वह यहां की नहीं है। जौनपुर में पूर्व सांसद धनंजय सिंह से शादी के पश्चात उन्होंने न सिर्फ उनके परिवार को अपनाया बल्कि जौनपुर को भी अपना लिया। यही वजह है कि श्रीकला धनंजय सिंह ने कम समय में ही जौनपुर के लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली। वह जौनपुर की प्रथम नागरिक भी हैं। कहने का मतलब यह है कि वह जौनपुर की जिला पंचायत अध्यक्ष भी हैं। दक्षिण की होने के नाते उनकी हिंदी अच्छी भले ही न हो लेकिन वह अब जौनपुर के लोगों के दिलों पर राज कर रही हैं। अब धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला और उनके परिवार की असली अग्नि परीक्षा होगी। जौनपुर लोकसभा सीट की बात करें तो यहां से भाजपा ने कृपाशंकर सिंह को और सपा ने बाबू सिंह कुशवाहा को अपना प्रत्याशी बनाया है।
वहीं मछलीशहर सुरक्षित लोकसभा सीट की बात करें तो यहां पर भी एक युवा चेहरा लोगों को आकर्षित कर रहा है वो है यहां से पूर्व सांसद रहे और वर्तमान में केराकत के विधायक तूफानी सरोज की सुपुत्री प्रिया सरोज का। जिस तरह से मछलीशहर विधानसभा में डॉ. रागिनी सोनकर के नाम का डंका बजता है और अपनी कार्य क्षमता के दम पर डॉ. रागिनी ने पूरे जिले में अपनी अलग पहचान बनाई है। कुछ वैसा ही प्रिया को भी करना पड़ेगा। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने प्रिया पर इसीलिए दांव लगाया है कि वह एक शिक्षित महिला हैं और युवाओं को अपने साथ जोड़कर क्षेत्र का चहुंमुखी विकास करने में सक्षम हैं। पिता से विरासत में मिली राजनीति में खुद को साबित करने का मौका प्रिया को मिला है। मछलीशहर लोकसभा की जनता को प्रिया से बहुत उम्मीदें होंगी। वहीं यहां से भाजपा ने सीटिंग सांसद बीपी सरोज को एक बार फिर से प्रत्याशी बनाया है। दबी जुबान से चर्चा है कि इस सीट पर भाजपा को कोई दूसरा प्रत्याशी नहीं मिल रहा था, इसीलिए उन्हें बीपी सरोज पर दोबारा दांव लगाना पड़ा। बसपा ने भी यहां से पूर्व आईएएस अधिकारी कृपाशंकर को मैदान में उतारा है। यहां पर भी लोग कह रहे हैं कि दो बुजुर्ग प्रत्याशियों के बीच प्रिया सरोज के पास खुद को साबित करने का अच्छा मौका है।
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