#MumbaiNews : इतिहास से सबक ले हिंदू समाज और समझे वोट का महत्व : भवानजी | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई। वरिष्ठ भाजपा नेता और मुंबई के पूर्व उप महापौर बाबू भाई भवानजी ने कहा है कि भारत के हिंदुओं को इतिहास से सबक लेना चाहिए और वोट के महत्व को समझना चाहिए। यदि हम समय रहते न सुधरे तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा। शुक्रवार को दादर में बुद्धिजीवियों की एक सभा में भवानजी ने कहा कि सन् 1946-47 में भारत के विभाजन के समय आसाम के सिलहट जिले को गोपीनाथ बोरदोलोई ने भारत में मिलाने की बात रखी। जनमत संग्रह किया जाना तय किया गया।
वोटिंग के दिन सारे मुसलमान सवेरे ही लाइनों में लग गये। हिंदू लाखों थे पर वे दोपहर तक सोने और ताश खेलने के बाद तीन बजे पोलिंग बूथ बूथ गए। उस समय लम्बी - लम्बी लाईनें लग चुकी थी। आधे हिंदुओं की भीड़ तो दूर से ही लंबी लंबी लाइनें देखती रही, और आधे हिंदू लंबी लंबी लाईनों में लगने से बचते रहे तथा बिना वोट डाले वापस घर आ गये।
करीब पचपन हजार वोटों से सिलहट जिला पाकिस्तान में चला गया। पूरे सिलहट जिले में लगभग एक लाख हिंदू वोट ही नहीं डाल सके। मुसलमानों के सारे वोट पड़े और हिंदुओं के एक चौथाई वोट ही पड़े। जिससे सिलहट जिला पाकिस्तान में चला गया। फिर जिन्ना के डायरेक्ट एक्शन के पैगाम पर हिंदुओं की बहन बेटियों की आबरू लूटी गई।
उनका माल छीन लिया गया और सिलहट जिले के हिंदू दुर्दशा भोगते हुए इस दुनिया से चले गये। भवानजी ने कहा कि तब से आज तक हिंदू सुधरा नहीं। जिस दिन मतदान होता है, उस दिन हिंदू छुट्टी मनाता है। 10 बजे तक सो कर उठता है, नहा धोकर फ्रेश होकर घर के काम करता है, फिर मूड होता है तो मतदान केंद्र की तरफ जाता है।
भीड़ ना हुई तो वोट डाल देता है और थोड़ी भीड़ हुई तो हेकड़ी दिखाते हुए सोचता है, अरे हम लाईन में खड़े होने वाले नहीं हैं, और वापस घर चला आता है। भवानजी ने कहा कि यह बहुत दुखद स्थिति है। हमें वोटिंग के, मतदान के काम को सबसे ज्यादा महत्व देना चाहिए। मतदान के बाद ही कोई दूसरा काम करना चाहिए। हिंदुत्व को मजबूत करने से ही भारत मजबूत होगा, अन्यथा कश्मीर और सिलहट का उदाहरण हम सबके सामने है।