#Article : मैं चुनाव जीतना नहीं चाहता बल्कि केवल हारना चाहता हूं | #NayaSaveraNetwork

#Article : मैं चुनाव जीतना नहीं चाहता बल्कि केवल हारना चाहता हूं  | #NayaSaveraNetwork
  • चुनावी इतिहास में सबसे असफ़ल उम्मीदवार का नाम लिम्का,एशिया और दिल्ली बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज़ 
  • लोकसभा चुनाव 2024-धरतीपकड़ उम्मीदवारों द्वारा अपनी उम्मीदवारी का शतक लगाकर रिकॉर्ड बनाने के ज़ज्बे को रेखांकित करना होगा-एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया 

नया सवेरा नेटवर्क

गोंदिया - वैश्विक स्तरपर आज दुनियां का हर शख्स,चाहे वह पुरुष महिला या फिर ट्रांसजेंडर हो अपने जीवन के हर पड़ाव पर केवल सफ़ल होना चाहता है,जीत हासिल करना चाहता है।अपनी सफलता के रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स या फिर लिम्का एशिया और दिल्ली बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज करना चाहता है,जो सही भी है उनके इस जज्बे, हिम्मत और चाहत को मैं सेल्यूट करता हूं।परंतु चूंकि अभी लोकसभा चुनाव 2024 का महापर्व 19 अप्रैल से 1 जून 2024 तक शुरू हो रहा है, जिनका प्रचार व प्रसार काफी जोरों पर है ,इसलिए ऐसे कुछ व्यक्तियों की हमें याद आ गई जो अपने जीवन में चुनावी असफलताओं और सबसे कम वोट पाने तथा हारने का रिकॉर्ड बनाने के लिए अपना जीवन निश्चयावर कर दिए हैं,जिसको रेखांकितकरना जरूरी है, क्योंकि जहां एक और एक उम्मीदवार जीत दर्ज करने के लिए साम दाम दंड भेद सहित आर्थिक तिजोरी खोल देता है,वहीं दूसरी ओर यह व्यक्तित्व चुनाव हारने के लिए ही चुनाव लड़ते हैं और लिम्का एशिया तथा दिल्ली बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कर चुके हैं। मीडिया में रिसर्च करने पर मुझे ऐसे पांच-सात व्यक्तित्व मिले परंतु क्योंकि मैं उनसे मिला नहीं हूं,इसलिए इसकी सटीकता का को प्रमाणित नहीं किया जा सकता। इन सब में सबसेसीनियर उम्मीदवार क़रीब 100 वर्षीय याने बिहार के काका जोगिंदर सिंह जिनका जन्म अखंड भारत वर्तमान में पड़ोसी मुल्क में हुआ था वह करीब 300 से अधिक बार चुनाव लड़ चुके हैं,जिनका अभी हाल ही में देहांत हो चुका है।दूसरे इलेक्शन किंग तमिलनाडु के पद्मराजन जो करीब 281 बार चुनाव लड़े हैं। तीसरे मध्य प्रदेश के परमानंद तोलानी चौथे राजस्थान के शंकरलाल  और पांचवें हैदराबाद के रविंद्र तथा छठवें धनुराम अंबेडकर जिनके बारे में हम नीचे पैरा में चर्चा करेंगे,क्योंकि इनमें से कुछ का कहना,मैं चुनाव जीतना नहीं चाहता बल्कि केवल हारना चाहता हूं,इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,लोकसभा चुनाव 2024 धरतीपकड़ उम्मीदवारों द्वार अपनी उम्मीदवारी का शतक लगाकर रिकॉर्ड बनाने के जज्बे को रेखांकित करना होगा। 

साथियों बात अगर हम स्वर्गीय काका जोगिंदर सिंह धरती पकड़ की करें तो,वे 300 से ज्यादा चुनाव लड़े और हारे। वैसे धरती पकड़ नेता अब कम ही मिलते हैं। फिर भी कुछ विभूतियां हैं जो हर चुनाव में आ जाती हैं ताल ठोकने उनके लिए हारना भी एक तरह की कला बन गया है।ये पैदा तो अखंड भारत में हुए थे, लेकिन मुल्क ने सरहदें बना दीं तो इस पार चले आए। लाहौर की गलियों से भागलपुर तक पहुंचने में मीलों धरती नापी। फिर अपनी जिद और अक्खड़ बिहारीपन के लिए मशहूर हुए तो नगरपालिका से लेकर देश के राष्ट्रपति पदतक के चुनावमें हिस्सा लेकर अपनी मौजूदगी की धमक बरकरार रखी।कश्मीर से लेकर कन्या कुमारी तक चुनावी समर का हिस्सा बन चुके हैं।लोकतंत्र की मर्यादा बताने के लिए लड़ते रहे हर बार चुनाव लड़ने का रिकाॅर्ड दर्ज कर चुके धरती पकड़ अपने जीवन एक बार भी चुनाव नहीं जीत सके। लेकिन, हार कभी इन्होंने माना ही नहीं। हर चुनाव हारने के बाद फिर अगले चुनाव की तैयारी। अपनी हार के सिलसिले पर धरती पकड़ कहते हैं, मैं लोकतंत्र में एक आम आदमी की अहमियत को बताना और उसे साबित करना चाहता हूं। जीत-हार की मेरी जिंदगी अहमियत नहीं है, मैं सोसायटी को ताउम्र यह मैसेज देने की कोशिश में जुटा रहा कि, देश और लोकतंत्र में सबकी अहमियत बराबर है, इसलिए नाम पड़ा धरती पकड़ 100 बसंत गुजार चुके। 

साथियों बात अगर हम इलेक्शन किंग के पद्मराजन की करें तो, तमिलनाडु के सेलम जिले के मेट्टूर के रहने वाले के. पद्मराजन किसी भी चुनाव में जीतने के लिए नहीं बल्कि हारने के लिए खड़े होते हैं। लेकिन फिर भी दुनियां इन्हें इलेक्शन किंग के नाम से जानती है।65 वर्षीय टायर मरम्मत की दुकान के मालिक के. पद्मराजन 1988 से यानी 36 सालों से चुनाव लड़ रहे हैं, वह अब तक 238 चुनाव लड़ चुके हैं। के. पद्मराजन के नाम भारत में सर्वाधिक चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड है,इसमें से वह अब तक एक बार भी जीते नहीं हैं।चुनावी हार को देखते हुए उन्हें जनता वर्ल्ड बिगेस्ट इलेक्शन लूजर का भी तमगा दे चुकी है।वे साइकिल मरम्मत की दुकान चलाते हैं। उनकी स्कूली शिक्षा भी पूरी नहीं हुई थी, तब से वह साइकिल मरम्मत का काम कर रहे हैंहालांकि बिना कॉलेज गए उन्होंने डिस्टेंस एजुकेशन से इतिहास में ग्रेजुएशन की डिग्री ली है। इनका परिवार भी उनके साथ हैं। इन्होंने 2004 में लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ चुनाव लड़े थे। 2007 और 2013 में असम में मनमोहन सिंह के के खिलाफ चुनावी मैदान में थे। 2014 में वडोदरा में मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी वह चुनौती दे चुके हैं। इन्होंने 2019 में राहुल गांधी के खिलाफ वायनाड से भी चुनाव लड़े चुके हैं। इनके नाम सबसे ज्यादा चुनाव लड़ने का एक असाधारण ट्रैक रिकॉर्ड है, उन्होंने पंचायत चुनाव और यहां तक कि राष्ट्रपति चुनाव सहित 238 चुनावों में हिस्सा लिया है, लेकिन कभी जीत नहीं पाए। वे अब तक 12 अलग अलग राज्यों में, अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों से चुनाव लड़ चुके हैं। वे अब फिर से इस लोकसभा चुनाव 2024 में भी चुनाव लड़ने जा रहे हैं। इस बार के. पद्मराजन धर्मपुरी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में होंगे, इनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और दिल्ली बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में चुनावी इतिहास के सबसे असफल उम्मीदवार के रूप में दर्ज है। उन्होने कहा है कि,अब तक, मैंने अटल बिहारी वाजपेयी, पीवी नरसिम्हा राव, जे जयललिता, एम करुणानिधि,ए के एंटनी वायलार रवि, बीएसयेदियुरप्पा, एस बंगारप्पा, एसएम कृष्णा, विजय माल्या, सदानंद गौड़ा और अंबुमणि रामदास के खिलाफ चुनाव लड़ा है। मैं कुल मिलाकर छह बार राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ चुका हूं। मैं जीतना नहीं चाहता, बल्कि केवल हारना चाहता हूं, क्योंकि आप जीत का स्वाद केवल एक निश्चित समय के लिए ही चख सकते हैं, लेकिन आप हमेशा के लिए हार झेल सकते हैं।उन्होने कहा उसका सारा खर्चा साइकिल मरम्मत की दुकान से जो कमाई होती है, वे अब तक चुनाव लड़ने में लगभग 1 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं यहां तक कि 1991 में नरसिम्हा राव के खिलाफ चुनाव लड़ते समय आंध्र प्रदेश में अपहरण की घटना ने भी उनके उत्साह को कम नहीं किया था।वेलोकतांत्रिक प्रक्रिया के बारे में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता फैलाने की कोशिश में हैं। 

साथियों बात अगर हम परमानंद तोलानी की करें तो, 63 वर्षीय रीयल एस्टेट कारोबारी परमानंद तोलानी ने आगामी चुनाव के लिए फिर से पर्चा भर दिया है। गैर राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले परिवार की दो पीढ़ियों से लगातार चुनावी लड़ने की अनूठी परंपरा के कारण इस कारोबारी ने इस बार भी नामांकन दाखिल किया है।इस परिवार ने एक बार भी चुनावी जीत का स्वाद नहीं चखा है और हर बार के चुनावों में इस परिवार के सदस्यों की जमानत जब्त हुई है। हालांकि हौसले अब भी बुलंद हैं और इरादे मजबूत हैं।चुनाव लड़ने वाले नेता तो आपने कई देखे होंगे जो चुनाव लड़ते हैं और हार जाते हैं, लेकिन एक या दो बार से ज्यादा चुनाव नहीं लड़ते, लेकिन क्या कभी आपने सोचा है इंदौर में एक निर्दलीय प्रत्याशी ऐसा भी है जो हर चुनाव लड़ता है और चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड भी बना चुका है।इतना ही नहीं पिछले 17 बार से यह प्रत्याशी लोकसभा विधानसभा और नगर निकाय के चुनाव लड़ता आ रहा है और हर चुनाव में इसे हार ही मिल रही है। एक बार इनकी पत्नी ने भी चुनाव लड़ा है, जहां उन्हें भी हार का सामला करना पड़ां है।लेकिन फिर भी हौसला ऐसा है जो उसकी कोशिश को निरंतर बनाए रखना है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए नेता परमानंद तोलानी का जुनून देखते ही बनता है। 18 बार चुनाव हारने के साथ हर बार सिक्योरिटी मनी डुबाने वाले नेता ने एक बार फिर नामांकन भरा है।19वां चुनाव लड़ रहे नेता को उम्मीद है कि एक बार तो जीत मिलेगी ही।अब तक इंदौर से 8 लोकसभा, 7 विधानसभा और 2 बार महापौर का चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन एक भी चुनाव में जीत नहीं मिली। यहां तक की एक बार अपनी पत्नी को भी नगरीय निकायों के चुनावों में उतार चुके हैं। इसकी वजह यह थी कि तब महापौर का पद महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित कर दिया गया था। इनके पिता भी अपने जीवन में चुनाव लड़े थे। प्रटिंग प्रेस चलाने वाले मेठाराम तोलानी 30 सालों तक लगातार अगल चुनाव लड़े पर कभी भी जीत नहीं मिली। 1988 में पिता के बादवे चुनाव लड़ने लगे। तोलानी परिवार की अगली पीढ़ी भी चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार हो रही है। इनकी दो बेटियां है,वो भी अपने घर की विरासत को आगे बढ़ाने को तैयार है। 

साथियों बात अगर हम राजस्थान और हैदराबाद के उम्मीदवारों की करें तो, राजस्थान के शंकर लाल नरबाण ने पिछले 38 साल में वार्ड पंचायत, नगरपालिका और संसदीय चुनाव सहित 26 चुनाव लड़े हैं। 67 वर्षीय ने इस साल अपने 27वें प्रयास के रूप में पाली जिले की सुमेरपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा।हैदराबाद के रविंदर उप्पुला 2004 में जब वे कैलिफोर्निया से लौटे तो भारतीय राजनीति में आई गिरावट से निराश थे। 2014 में नए तेलंगाना राज्य के गठन के साथ, उन्हें लगा कि चुनावी मैदान में उतरने का यह सही समय है। वे कहते हैं,मैं लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कराऊंगा ताकि यह साबित हो सके कि मैंने भ्रष्टाचार का सहारा नहीं लिया है। 

साथियों बात अगर हम 77 वर्षीय हनुमंट अंबेडकर की करें तो, आगरा सुरक्षित सीट से इस बार चुनाव लड़ने वाले हसनूराम 100 बार चुनाव लड़ने का बनाएंगे रिकार्ड। आगरा सुरक्षित और फतेहपुर सीकरी से चुनाव लड़ने के लिए खरीदा नामांकन पत्र। वर्ष 1985 में चुनाव लड़ने के लिए छोड़ी थी सरकारी नौकरी नहीं मिला था टिकट। राजस्व विभाग में अमीन के पद थे लेकिन चुनाव के लिए दिया था इस्तीफा।आगरा में तीसरे चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया की शुरुआत शुक्रवार से हो गई। कलक्ट्रेट में नामांकन पत्र खरीदने एक ऐसा शख्स भी पहुंचा जो अब तक 98 बार चुनाव लड़ चुका है, पीएम सम्मान निधि के पैसे से लड़ेंगे चुनाव हसनूराम पेशे से किसान हैं। उन्होंने चुनाव लड़ने को फंड बना रखा है। इसमें वह प्रतिदिन कुछ न कुछ रुपये डालते हैं। नामांकन प्रक्रिया के अतिरिक्त वह चुनाव प्रचार पर एक रुपया व्यय नहीं करते हैं। प्रचार के लिए वह घर-घर संपर्क करते हैं। उन्होंने कहा कि पीएम सम्मान निधि में मिले पैसों से वह चुनाव लड़ेंगे। एक वर्ष में करीब 12 हजार रुपये उन्हें मिले हैं। इसके साथ ही राशन में मिलने वाले अनाज को पशुओं के लिए बेचकर उन्होंने पैसे जुटाए हैं। राशन में ऐसा अनाज दिया जाता है, जिसे आदमी तो क्या पशु भी नहीं खाते हैं। 

अतः अगर हम उपरोक्त पूरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि मैं चुनाव जीतना नहींचाहता बल्कि केवल हारना चाहता हूं।चुनावी इतिहास में सबसे असफ़ल उम्मीदवार का नाम लिम्काएशिया और दिल्ली बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज़।लोकसभा चुनाव 2024 धरतीपकड़ उम्मीदवारों द्वारा अपनी उम्मीदवारी का शतक लगाकर रिकॉर्ड बनाने के ज़ज्बे को रेखांकित करना होगा।

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


*जौनपुर टाईल्स एण्ड सेनेट्री | लाइन बाजार थाने के बगल में जौनपुर | सम्पर्क करें - प्रो. अनुज विक्रम सिंह, मो. 9670770770*
विज्ञापन

*Admission Open - Session: 2024-25 - Nursery to IX & XI - Streams Available: Maths, Bio, Commerce & Humanities | Admission form Available At the School Office | D.B.S. Inter College (10+2) Affiliated | Kadipur, Ramdayalganj, Jaunpur | Affiliation No.: 2131740 to CBSE New Dehli | Contact-9956972861, 9956973761 | #NayaSaveraNetwork*
Ad


*ADMISSION OPEN: Anju Gill Academy | Katghara, Sadar, Jaunpur | 7705012959, 7705012955 | #NayaSaveraNetwork*
Ad

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ