जफराबाद : चिकित्सक की लापरवाही से चली गई आंख की रोशनी | #NayaSaveraNetwork
- लीलावती अस्पताल के चिकित्सक पर लापरवाही का आरोप
नया सवेरा नेटवर्क
जफराबाद। क्षेत्र के जमैथा गांव निवासी एक महिला की आंख की रोशनी चिकित्सक के लापरवाही से चली गयी। उसका लीलावती अस्पताल के डॉक्टर ने ऑपरेशन मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया था। ऑपरेशन के बाद से रोशनी ही चली गयी। उक्त गांव निवासी रेशमा निषाद पत्नी जंगीलाल निषाद की बायीं आंख की रोशनी बहुत पहले खत्म हो चुकी थी। दाहिने आंख से धुंधला दिखाई दे रहा था। 29 फरवरी को शहर के विशेषरपुर में अघोर पीठ द्वारा आंख का कैम्प लगाया गया था। उसी कैम्प में रेशमा भी गई थी। उसने वहां अपनी आंख चिकित्सक को दिखाया। जहां मोतियाबिंद होने की जानकारी दी गयी। उसे एक मार्च को सरकारी के लीलावती अस्पताल में बुलाया गया। वहां पर चिकित्सक द्वारा उसका ऑपरेशन करके छोड़ दिया गया। परिजनों से दूसरे दिन आंख की पट्टी खोलने को बोला गया। जब रेशमा के पुत्र प्रमोद कुमार निषाद ने मां की आंख की पट्टी को खोला तो पता चला कि उसकी आंख से दिखना ही बंद हो गया है। वह घबरा कर लीलावती अस्पताल के चिकित्सक डॉ. मुकेश वर्मा से आकर जानकारी दिया। डॉ. वर्मा ने उससे बोला कि ऑपरेशन के समय कभी कभी एकाध लेयर रह जाती है। 15 दिन बाद मरीज को दोबारा लेकर आना उसको ठीक कर दिया जाएगा।
उधर मां की आँख की हालत देखकर प्रमोद आंख कैम्प लगाने वाले अघोर पीठ के जिम्मेदार से मिला तो उन लोगों ने रेशमा को शंकर आई हॉस्पिटल रुहट्टा भेजा। वहां के चिकित्सक ने वाराणसी रेफर कर दिया। प्रमोद का कहना है कि मेरी मां अब अंधी हो गयी है। अपने गरीबी के हाल में अब हम कहा उपचार करवाये।
इस बारे में जब डॉ. मुकेश कुमार वर्मा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया गया है। आंख में कभी कभी हल्की लेयर रह जाती है। पेशेंट को 15 दिन बाद बुलाया गया है। उसकी एक आंख पहले से खराब थी, यह जानकारी नहीं बतायी गयी थी।