परिजन समेत आम जनमानस जानना चाहता है असली वजह
पुलिस द्वारा शूटरों से राज़ न उगलवा पाना बना चर्चा का विषय
शेरबहादुर यादव @ नयासबेरा
नया सवेरा नेटवर्क
सिकरारा, जौनपुर। शासन सत्ता के दबाव में आकर जिला प्रशासन द्वारा आनन फानन में भाजपा नेता प्रमोद यादव हत्याकांड का खुलासा तो कर दिया लेकिन इस हत्या के पीछे पुलिस अपने ही बुने जाल में फंसती हुई नज़र आ रही है। यह अपने आपमें एक अहम सवाल है जो कि मृतको के परिजनों के साथ-साथ समाज भी जानना चाहता है कि आखिर किन कारणो से प्रमोद यादव की हत्या की गई। अगर असली अपराधी पकड़े गए तो पुलिस द्वारा हत्यारो से यह क्यों नहीं उगलवाया गया की हत्या किन कारणो से की गई। इस बात को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। शासन सत्ता द्वारा जिस तरह से पुलिस के ऊपर जल्द से जल्द पर्दाफाश करने का दबाव बनाया गया उसी दबाव में आकर प्रशासन द्वारा आनन फानन में हत्या का खुलासा किया गया पुलिस ने जिस तरह से ताना-बना बुनकर हत्या का खुलासा किया है वह किसी से छिपा नहीं है। पुलिस ने किसको कहां से उठाया है यह भी जानकारी लोगों को है इसीलिए पुलिस के ऊपर उंगलिया उठाई जा रही है। जनमानस को तनिक भी यह वि·ाास नहीं हो रहा है कि पुलिस द्वारा असली शूटरो को गिरफ्तार किया गया है। गौरतलब है कि बीते 7 मार्च को बोधापुर गांव निवासी भाजपा नेता प्रमोद यादव सुबह 10 बजे के करीब अपनी निजी कार्य से जौनपुर के लिए निकले थे की हाईवे के करीब घर से 400 मीटर दूरी पर पहुंचते ही अज्ञात बदमाशों ने निमंत्रण देने के बहाने दिनदहाड़े उनकी कार को रोका और उनके द्वारा शीशा खोलते ही गोली मारकर उनकी हत्या कर दी और फरार हो गए। भाजपा नेता होने के कारण उनके घर पर कार्यकर्ताओं सहित भाजपा मंत्रियों का सांत्वना देने के लिए घर पर आना-जाना और हत्यारो को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस पर दबाव बनाना ही उक्त हत्याकांड पुलिस के लिए सर दर्द बन गया था जिसका पुलिस ने पर्दाफाश तो कर दिया लेकिन यह परिजनों सहित जनमानस के गले नहीं उतर रहा है। अभी भी कुछ लोगों को थाने में बैठाकर पूछताछ की जा रही है।
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