नया सवेरा नेटवर्क
प्रयागराज। डायबिटीज एजुकेशन फाउंडेशन की ओर से आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वुमेनकॉन (महिला मेटाबोलिक, एंडोक्राइमन और पोषण सम्मेलन) में शनिवार को देश-विदेश के डॉक्टरों ने थॉयराइटड, डायबिटीज, मोटापा और बीपी की बीमारी पर विचार व्यक्त किए। सिविल लाइंस स्थित होटल कान्हा श्याम में आयोजित कार्यक्रम में संवाद के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति का डॉक्टरों ने आनंद उठाया।
इस अवसर पर अभिनेत्री व पोषण-आहार विशेषज्ञ भाग्यश्री ने समूह परिचर्चा में थायराइड और मोटापा की समस्या पर विचार साझा किया। भाग्यश्री ने कहा कि जीवन शैली में बदलाव के कारण थायराइड की बीमारी बढ़ रही है। इससे बचाव के लिए निरंतर दवाओं का सेवन करना जरूरी है। सरकार मोटे अनाज के उपयोग पर जोर रही है। इसका उपयोग सेहत के लिए बहुत आवश्यक है। भाग्यश्री ने सलाह दी कि यदि मोटापा कम करना है तो सोफा पर लेटना बंद कर दें। शारीरिक श्रम में आलस्य न करें। आहार विशेषज्ञ सरिता ने कहा कि थायराइड के बचाव के लिए आयोडीन की जरूरत होती है। इसके लिए जब हम दाल, सब्जी आदि बनाएं तो गैस बंद करने के बाद आयोडीन वाला नमक डालें। इससे आयोडीन की क्षति नहीं होगी।
डॉ. सरिता बजाज ने स्वस्थ जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। डॉ. विकास श्रीवास्तव ने कहा कि मधुमेह और थायराइड जीवन शैली से जुड़ी बीमारी है इसे दिनचर्या में बदलाव के करके नियंत्रित किया जा सकता है। इस अवसर पर भाग्यश्री ने पांच डॉक्टरों को स्टील लेडी अवार्ड से सम्मानित किया गया। डॉ. नितिन कपूर, डॉ. फारिया, डॉ. दुलानी, डॉ. नरेश, डॉ. अर्पिता श्रीवास्तव ने विचार व्यक्त किए। डॉ. कीर्तिदा आचार्या ने गीत की प्रस्तुति की। संचालन डॉ. अमृता चौरसिया ने किया। डॉ. संजय कालरा, डॉ. मोहन शिनोरा, श्रेया भूटानी, डॉ. राकेश सहाय, डॉ. शांति चौधरी, मधुर वर्मा, वरुण शर्मा, माया सरानाभन, हर्षिता शर्मा मौजूद रहीं।
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