नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। पूर्वांचल विश्वविद्यालय के आर्यभट्ट सभागार में प्रभु श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा के उपरांत 'युवाओं में राम' को जागृत करने के उद्देश्य से एक भव्य वैचारिक संगोष्ठी युवाओं में राम का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. राजकुमार ने कहा कि इस संगोष्ठी का आयोजन वि·ाविद्यालय में कराये जाने का उद्देश्य युवाओं को संदेश देना है कि भगवान राम जिन आदशर््ाों पर चलकर अपने जीवन को जिये हैं उन आदशर््ाों का अनुसरण करते हुए हमारे युवाओं को विकसित भारत का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि राम सृष्टि के नियंता हैं, राम देश की आत्मा है, राम एक परम्परा हैं, संस्कृति हैं, राम को राष्ट्र के रूप में, जीवन के एक मूल्य के रूप में जाना जाता है। जब आसुरी प्रवृत्तियों का प्रभाव पड़ता है तब भगवान राम का पदार्पण होता है। मर्यादा के रूप में कैसे रहते हैं वह राम है, कैसे मर्यादा में रखा जाता है वह कृष्ण है। राम कथा का केवल श्रवण ही नहीं अनुसरण भी करना चाहिये तभी राष्ट्र निर्माण होगा। अध्यक्षीय उदबोधन में डॉ. अरु ण कुमार मिश्रा ने कहा कि भगवान राम हमारी प्रेरणा हैं। युवा शक्ति भगवान राम के आदशर््ाों का अनुसरण करेगी तो हमारा राष्ट्र आगे बढ़ेगा। डॉ.कुलदीप प्रान्त बौद्धिक प्रमुख काशी प्रान्त ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि युवाओं में हनुमान शक्ति को देखना और जामवन्त की तरह उनकी युवा शक्ति को जगाना है। कथावाचक आचार्य शान्तनु महाराज ने कहा कि युवाओं को साधु जैसा गुण एकत्र करने वाला होना चाहिये। युवाओं को श्री राम के आदशर््ा चरित्र से समुद्र जैसी गम्भीरता एवं हिमालय जैसा धैर्य, क्रोध पर नियंत्रण, प्रतिकूलता एवं अनुकूलता, निस्वार्थ मित्रता, खुद श्रेय न लेकर अपने साथियों को दे देना जैसे गुणों को प्रभु श्रीराम से आत्मसात करना चाहिये। इस मौके पर अजीत, रजत, रामचंद्र, नितेश, रजनीश,रविन्द्र, डॉ.अरु ण कुमार मिश्रा, डॉ. संदीप पाण्डेय, डॉ. इन्द्रेश गंगवार, डॉ. इन्द्रजीत, डॉ. दिनेश, डॉ. प्रमोद यादव, आचार्य विक्रम देव, नृपेन्द्र सिंह, अजय प्रताप, डॉ. प्रमोद यादव, डॉ. जान्हवी श्रीवास्तव, अमित निगम, डॉ. राजीव, डॉ. मुक्ता राजे सहित अन्य शिक्षक, कर्मचारी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
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