@ नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। जनपद के मूल निवासी हृदय से कवि व सुप्रसिद्ध कथावाचक मानसकिंकर डॉ. अखिलेश मिश्र (आईएएस) ने शनिवार, 3 फरवरी को अपराह्न 2.30 बजे से 5.30 बजे तक श्रीराम कथा पार्क, अयोध्या में मुख्य व्यास के रूप में कथा सुनायी। यह आयोजन उत्तर प्रदेश सरकार के संस्कृति मंत्रालय द्वारा रामोत्सव कार्यक्रम के तहत आयोजित हुआ। प्रभु श्रीराम के आदर्श, मानवता, कर्तव्य पालन की बातें एवं जनमानस को पावन करती गोस्वामी तुलसीदास विरचित श्रीरामचरितमानस को आधार बनाकर जन्म से लेकर वनवास प्रस्थान करने तक की कथा पहले दिवस में कहीं। डॉक्टर मिश्र ने राम वनवास पर अपनी स्वरचित कविता पढी।
जोकि 2017 में प्रकाशित "यूॅं ही" शीर्षक काव्य पुस्तक में संकलित हैं। वनवास तो राम को मिला था ‘‘‘लक्ष्मण तुम क्यों गये राम को जाना था...’’ "राम का नाम लेकर जो मर जायेंगे",, भजन कहने पर उपस्थित श्रद्धालु भक्तजन झूमते नजर आएं। कबीरदास एवं रहीमदास के दोहों को सस्वर सुनायें तथा सामयिक संदर्भ में व्याख्या की। श्रीरामायण जी की आरती के पश्चात प्रथम दिवस की कथा ने विश्राम लिया। द्वितीय दिवस रविवार, 4 फरवरी को श्रीराम कथा का स्थान भजन संध्या स्थल रहा, जिसमें मानसकिंकर जी ने सस्वर प्रभु श्रीराम कथा सुनायी। भगवान के नाम जप की महिमा और उसके प्रभाव पर सांगोपांग वर्णन किया और कहा कि, श्रीराम के जीवन से प्रेरणा लेकर उनके आचरण को अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना ही लक्ष्य होना चाहिए।
समापन पर संदीप श्रीवास्तव (उपजिलाधिकारी अयोध्या), कमलेश पाठक (अयोध्या), अखिलेश पाठक (खाद्य निरीक्षक) एवं मनोज त्रिवेदी (क्षेत्रीय प्रबंधक परिवहन) ने मानस किंकर डॉ०अखिलेश मिश्र को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न भेंट किया । संगीत संयोजन डाॅ. सरला शर्मा, कार्यक्रम संयोजक पं. अवधेश मिश्र, सह-गायक अशोक दुबे'देव' एवं टीम रही। मंच संचालन वैभव मिश्र ने किया। उक्त कार्यक्रम में कवि राजेश श्रीवास्तव, रूचि मिश्रा, अलका मिश्रा, अवधेश मिश्र, मनोज त्रिवेदी, नरेश मिश्र, दिनेश सिंह, विमल मिश्र , साधना यादव समेत अन्य भारी संख्या में श्रोतागण ने कथा श्रवण किया।
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