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दयानिधि दास ने भागवत कथा में भक्तों को दिये उपदेश
खुटहन जौनपुर। भगवान कृष्ण ने ब्राजवासियों का जीवन मूसलाधार वर्षा से बचाने के लिए सात दिनों तक गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उँगली पर उठाए रखा। गोप और गोपिकाएँ उसकी छाया में निश्चिंत और सुखपूर्वक रहे। इसी गोवर्धन पर्वत को गिरिराज भी कहा जाता है। यह लीला सिद्ध करती है कि भक्तों की रक्षा के लिए भगवान अपने सारे सुख छोड़ कर हर संकट खुद सहने को तैयार रहता है। उक्त बातें सियरावासी गांव में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के पांचवे दिन व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए वृंदावन से पधारे दयानिधि दास गोस्वामी महाराज ने कही। उन्होंने कहा कि मात्र कृष्ण नाम का मंत्र हमें आसानी से भवसागर के पार उतार सकता है। इस अवसर पर डॉ श्रीपाल पांडेय, रामअनंद पांडेय, अनिल दुबे, सदापति तिवारी, भगवत तिवारी, रामकृपाल तिवारी, ओमप्रकाश तिवारी, रामधारी तिवारी,सागर दुबे,अमरनाथ तिवारी, प्रधान संदीप पाठक, पूल्लू तिवारी राजनाथ तिवारी, श्रवण तिवारी, तिनका तिवारी, राम कीर्ताश तिवारी, ह्मदय नारायण सिंह,विपिन तिवारी,गिरजा शंकर यादव, बद्री प्रसाद तिवारी, अरु ण कुमार समेत अनेक गणमान्य उपस्थित रहे। ग्राम वासियों द्वारा सामूहिक रूप से आयोजित कथा प्रतिदिन दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक सुनी जा रही है।
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