नया सवेरा नेटवर्क
साहित्यकार की स्मृति में हुआ कंबल वितरण कार्यक्रम
मुंगराबादशाहपुर जौनपुर। साहित्यकार श्रीकान्त वर्मा के समृति में आयोजित कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी डॉ. प्रमोद के सिंह ने कहा श्रीकान्त वर्मा का जन्म 18 सितम्बर 1931 को बिलासपुर छत्तीसगढ़ में हुआ। वह गीतकार, कथाकार तथा समीक्षक के रूप में जाने जाते हैं। वह राजनीति से भी जुड़े थे तथा राज्यसभा के सदस्य रहे। 1957 में प्रकाशित 'भटका मेघ ', 1967 में प्रकाशित 'मायादर्पण' और 'दिनारम्भ ', 1973 में प्रकाशित 'जलसाघर' और 1984 में प्रकाशित 'मगध' इनकी काव्य-कृतियाँ हैं । 'मगध' काव्य संग्रह के लिए 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित हुए। 'झाड़ी' तथा 'संवाद' इनके कहानी-संग्रह है। 'अपोलो का रथ' यात्रा वृत्तान्त है । 'बीसवीं शताब्दी के अंधेरे में' साक्षात्कार ग्रंथ है। श्रीकान्त वर्मा 25 मई 1986 को हम सबका साथ छोड़ गए। साहित्यकार , गीतकार , संगीतकार के रूप में आज भी वह हमारी संवेदनाओ में , हमारे रगों में , हमारी यादों में जीवित है और देश के युवाओं के लिए प्रेरणा के रुाोत है। अहिंसा के पुजारी और गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले श्रीकान्त को याद करते हुए आज गरीबों व अपनों के बीच कम्बल वितरण समारोह का शुभारम्भ करते हुए स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहा हूँ। श्रीकान्त वर्मा कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय होने के कारण उन्हें 'दिनमान' समाचार पत्र के सम्पादकीय से अलग होना पड़ा। कार्यक्रम में उपस्थित उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव अरूण विद्यार्थी ने कहा कि बिलासपुर छत्तीसगढ़ के विकास में श्रीकान्त वर्मा के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। इसके पूर्व क्षेत्र के 150 गरीब असहाय लोगों को ठंड से बचाव के लिए कम्बल का वितरण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्याय पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी मिश्रा व संचालन सैनिक कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुशील पाण्डेय ने किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में पार्टी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
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