नया सवेरा नेटवर्क
51 कुंडात्मक श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ 14 फरवरी से
जौनपुर। आजमगढ़ वाराणसी मार्ग पर मोढ़ैला बाजार के समीप बंतरी गांव के मैदान में उडि़या बाबा आश्रम देवरिया नियार वाराणसी के संत श्री त्रिभुवन दास महाराज के सानिध्य में 51 कुंडातमकश्री श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ वृहद मानस सम्मेलन का आयोजन 14फरवरी से 24 फरवरी तक किया जा रहा है। यज्ञ मंडप की तैयारियां जोरों पर चल रही है। यज्ञ मंडप को अंतिम रूप देने में भारी संख्या में भक्त जन लगे हैं। मंडप को अंतिम रूप देने में पांच हजार बांस प्रयोग में लाया गया हैं। इस संबंध में जानकारी देते हुए संत त्रिभिुवन दास ने बताया कि मानव कल्याण के निमित्त श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का आयोजन जनसहयोग से हो रहा है जिससे यज्ञ के साथ साथ मानस सम्मेलन भी आयोजित हैं। उन्होंने यज्ञ के महत्व के बारे मेंजानकारी दी कि यज्ञ के माध्यम से सबको सत्कर्म करने का अवसर प्राप्त हो गा। अग्नि पवित्र है, जहां यज्ञ होता है वहां सम्पूर्ण वातावरण पवित्र वदेवमय हो जाता है। वेदों में अग्नि परमे·ार के रूप में वंदनीय है। यज्ञ को शास्त्रों में सर्व श्रेष्ठ कर्म कहा गया है। यज्ञ भगवान विष्णु का ही अपना स्वरूप है। यज्ञ इंसान की पापसे रक्षा करता है और प्रभु के समीप की अनुभूति कराता है। यज्ञ एक विशिष्ट वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रक्रिया है, जिसके द्वारा मनुष्य अपने जीवन को सफल बना सकता है। श्री मदभागवत गीता में भगवान श्री कृष्ण ने यज्ञ करने वाले को परम गति की प्राप्ति की बात की है।
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