शीर्षक - तलवार तना देते हैं | #NayaSaveraNetwork
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| साहित्यकार व लेखक- आशीष मिश्र उर्वर |
नया सवेरा नेटवर्क
तलवार तना देते हैं
बेवजह बात को अफवाह बना देते हैं,
हंसी महफ़िल में जैसे आग लगा देते हैं।
लोग आंधी को भी तूफ़ान बना देते हैं,
मामले छोटे ही तलवार तना देते हैं।
भूल कर अपने को बेगाना बना देते हैं,
कैसे जहां में लोग अंजाना बना देते हैं।
सजे उपवन को भी वीरान बना देते हैं,
मामले छोटे ही तलवार तना देते हैं।
बहकी अफवाहों को लोग हवा देते हैं,
छोटी बातों को कैसे लोग पकड़ लेते हैं।
बदले की भावना में कैसे मोड़ लेते हैं,
मामले छोटे ही तलवार तना देते हैं।
बदली दुनिया तो सारे वक्त बदल देते हैं,
बदले हालात मुह के शब्द बदल देते हैं।
ये इंसान ही इंसान में मतभेद ला देते हैं,
मामले छोटे ही तलवार तना देते हैं।
अपनी मीठी बातों से सबको ठग लेते हैं,
सारा हाल जान हमी से हमें ही ताना देते हैं।
अफवाहों की दुनिया में सब कुछ खो देते हैं,
मामले छोटे ही तलवार तना देते हैं।
लोग आंधी को भी तूफ़ान बना देते हैं,
मामले छोटे ही तलवार तना देते हैं।
साहित्यकार व लेखक- आशीष मिश्र उर्वर
कादीपुर, सुल्तानपुर, उप्र।
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