जौनपुर: इस्लाम ने बेटियों को जायदाद में दिया है अधिकार:महफू ज़ुल हसन | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
फातमा ज़हरा की शहादत पर मदरसे में हुई मजलिस,जुटे अज़ादार
जौनपुर। नगर के जामिया इमानिया नासिरया अरबी कॉलेज में हज़रत मुहम्मद मुस्तफा (स.अ.व) की इकलौती बेटी हज़रत फात्मा ज़हरा की शहादत के मौक़े पर आयोजित आखिरी मजलिस को खिताब करते हुए मदरसे के प्राचार्य मौलाना महफूज़ुल हसन खां ने कहा कि इस्लाम में बेटियों को जायदाद में हिस्सा दिया गया है जो क़ुरान और हदीस से साबित है। आज दुनिया में औरत के हक़ की बात की जाती है जबकि इस्लाम ने विरासत के कानून को आज से चौदह सौ साल पहले ही बता दिया था। हज़रत फात्मा ज़हरा (स.अ) ने अपने हक को हासिल करने के लिए (एहतेजाज) विरोध किया इस्लाम की तारीख़्ा का ये एक ऐसा चैप्टर है जिस पर हर मुसलमान को ग़ौर करना चाहिए कि रसूल (स.अ.व) की बेटी को उसके हक़ से क्यों वंचित रखा गया। हज़रत फात्मा की शहादत के मसायब पर मजलिस में हर तरफ रोने की आवाज़ें बुलन्द होने लगीं। मजलिस के बाद शबीहे ताबूत हज़रत फात्मा ज़हरा (स.अ) की जि़यारत अज़ादारों ने किया। मजलिस में काशिफ ककरौलवी ने नौहाख़्ाानी। पेशखानी मौलाना सैयद ज़ोहरैन क़ैन रिज़वी, मेहदी मिर्जापुरी, वहदत जौनपुरी, शम्सी आज़ाद, आकि़ब बरसरावी, ज़फ़र आज़मी ने की। जबकि अली हसन मुज़फ्फरनगर ने सोज़खानी की। संचालन मौलाना सैय्यद आबिद रज़ा रिज़वी ने किया।
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