दीपावली महापर्व 12 नवंबर 2023 पर मां लक्ष्मी जी को नमन वंदन | #NayaSaveraNetwork


नया सवेरा नेटवर्क

  • दीपोत्सव के मौके पर गणेश लक्ष्मी मां के पूजन से सुख समृद्धि खुशहाली कुबेर खज़ाना व मंगलमय का आशीर्वाद प्राप्त होता है 
  • आओ दीपावली पर्व 2023 पर मां लक्ष्मी से अपने लिए धन कुबेर और भारत माता के लिए नंबर एक अर्थव्यवस्था बनने की मन्नत मांगे - एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया 

गोंदिया - वैश्विक स्तर पर भारत में मनाए जाने वाले अनेकों पर्वों का महापर्व दीपावली माना जाता है,जो केवल भारत में ही नहीं पूरी दुनियां के कोने-कोने में बसे भारतवंशियों द्वारा बहुत गहरी आस्था के साथ धूमधाम से मनाया जाता है।वैसे तो इस दीपावली पर्व की शुरुआत 10 नवंबर धनतेरस से शुरू होकर 5 दिन तक मनाया जाता है। परंतु मुख्य दिवस दीपावली लक्ष्मी पूजन पर्व 12 नवंबर 2023 को पूरी दुनिया में मनाई जाएगी  परंतु अमेरिका के प्रसिद्ध प्रिंट मीडिया पेपर हम हिंदुस्तानी में दिए गए रिपोर्ट में कुछ दिन पहले से ही अमेरिका में रंगारंग कार्यक्रम कर दिवाली महोत्सव की शुरुआत कर दी गई है। वैसे भी भारत सहित दुनियां में रोशनी और प्रकाश पर्व दीपावली का इंतजार बेसब्री से किया जाता है, जिसकी तैयारी बहुत दिनों से की जाती है और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस दिन कई मान्यताओं के अनुसार अपने-अपने विश्वास के साथ कुछ प्रथाएं अपनाई जाती है। हम मीडिया में देखेंगे तो मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए अनेकानेक प्रथाओं को अपनाया जाता है, जिसका अपने-अपने स्तर पर एक महत्व हैं, परंतु दीप, रंगोली और लक्ष्मी पूजन यह तीन कार्य हर घर दुकान ऑफिस या मानवीय स्थान पर किए जाते हैं जिनकी चर्चा हम नीचे पैराग्राफ में करेंगे। चूंकि दीपावली पर्व को मानने वाला हर व्यक्ति अपने परिवार की सुख समृद्धि के लिए मां लक्ष्मी गणेश का नमन वंदन करते हैं, इसलिए आज हम मीडिया में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,दीपोत्सव के मौके पर गणेश लक्ष्मी मां की पूजन से, सुख समृद्धि खुशहाली कुबेर खजाना वह मंगलमय का आशीर्वाद प्राप्त होता है इसलिए आओ दीपावली पर्व 2023 पर मां लक्ष्मी से अपने लिए धन कुबेर और भारत माता के लिए नंबर एक अर्थव्यवस्था वाला देश बनने की मन्नत मांगे। 

साथियों बात अगर हम दीपावली पर्व 12 नवंबर 2023 पर मां लक्ष्मी गणेशकी पूजा अर्चना करने की करें तो, दिवाली धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी का इसी दिन समुद्र मंथन से प्राकट्य हुआ था। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। रात 12 बजे से प्रातःकाल तक का समय महानिशा काल कहलाता है। इस दिन लक्ष्मी के साथ भगवान विष्णु गणपति, सरस्वती, हनुमान जी का पूजन करना चाहिए। दिवाली की पूजा हमेशा स्थिर लग्न में करनी चाहिए। चार स्थिर लग्न के अलावा भी दो अन्य लग्न ऐसे हैं जिनमें पूजा की जा सकती है।शुभू मुहूर्त-प्रातःकाल 7:20 से 9:37 तक वृश्चिक लग्न।दोपहर 1:24 से 2:55 तक कुंभ लग्न।शाम को 6 बजे से 7:57 तक वृषभ लग्न। इस समय सभी लोगों को घरों में पूजा करनी चाहिए।शाम 7:57 बजे से रात 10:10 तक भी घरों में पूजा कर सकते हैं।अंतिम शुभ मुहूर्त अर्धरात्रि में 12:28 से लेकर 2:45 तक सिंह लग्न में है। जिन लोगों की पूजा किसी कारण से रह जाए वो अंतिम मुहूर्त में भी पूजन कर सकते हैं। माना जाता है कि इस पर्व पर की गई लक्ष्मी पूजा से घर-परिवार में सुख समृद्धि बनी रहती है। लक्ष्मी जी की पूजा में कुछ खास बातें ध्यान रखी जाएं तो पूजा का फल जल्दी मिल सकता है। हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है। दिवाली के पर्व को अंधकार पर प्रकाश की विजय के रूप में मनाते हैं। इस दिन मां लक्ष्मी के साथ गणेश की जी विधिवत पूजा की जाती है। दिवाली के दिन पूजा करने के साथ-साथ कुछ ज्योतिषीय उपाय करना भी लाभकारी माना जाता है। सुखी और समृद्ध जीवन के लिए दीपावली के दिन इन उपायों को करने से मां  होगा लाभकारी दिवाली के दिन मां लक्ष्मी गणेश जी की नई मूर्ति स्थापित करने के साथ-साथ  गणेश-लक्ष्मी यंत्र की स्थापना कर सकते हैं। समृद्धि और बुद्धि के देवता भगवान गणेश को माना जाता है इसकी साथ ही धन-ऐश्वर्य और भाग्य की देवी मां लक्ष्मी है। ऐसे में दिवाली के दिन इस जादुई यंत्र को घर में स्थापित करने से आपकी आय, लाभ, धन और भाग्य दोगुनी हो सकती है। माता लक्ष्मी की आराधना का पर्व दीपावली है, इस दिन लोग धन-धान्य और अन्य चीजों की कामना के लिए भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. इसके अलावा लोग भगवान कुबेर और अलग-अलग देवी-देवताओं की भी पूजा करते हैं. लेकिन अगर इस दिन अपने घर की लक्ष्मी की पूजा की जाए तो भी लोगों को मनोवांछित वर का लाभ मिल सकता है। आचार्य बताते हैं कि दीपावली के दिन लोगों को अपने घर की लक्ष्मी की भी पूजा करनी चाहिए। घर की लक्ष्मी की आराधना करने से लोगों को सभी मनोवांछित वर की प्राप्ति होती। एक जानकार  बताया कि घर की लक्ष्मी को भी माता लक्ष्मी के बराबर ही माना जाता है और इस दिन अहोरात्रि यानी पूरी रात उनकी पूजा करनी चाहिए। इसके लिए लोगों को चाहिए कि वह अपने घर की लक्ष्मी जिसमें उनकी पत्नी, बेटी, बहन या कोई भी महिला हो सकती है.l  उन्हें पूरी तरह से तैयार करके किसी आसन पर विराजमान कर दें, फिर उन्हें 16 श्रृंगार कर दें। इसके उपरांत उनके पास धूप, दीप आदि जलकर उनकी पूजा करें।उन्हें किसी मेवा या प्रसाद का भोग लगाएं। उन्होंने बताया कि ऐसा करने से जो भी कामनाएं मन में रखी होती है, वह अवश्य पूरी होती है, क्योंकि स्त्रियां भी माता लक्ष्मी का ही रूप मानी जाती है और दीपावली के दिन स्त्रियों का काफी महत्व होता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी को प्रसन्न होती है और वह लोगों को उनकी मनोवांछित कामनाएं का लाभ अवश्य देती हैं। बताया कि इस दिन घर के सभी गहने जेवर की भी पूजा करनी चाइए इसके लिए घर के सोना चांदी आदि से बने जेवरात को किसी बर्तन में निकाल कर पूजा स्थल पर रख दें। उन्होंने बताया कि सोने में भगवान विष्णु का वास होता है। जबकि चांदी में माता लक्ष्मी का वास होता है। इसलिए सोने चांदी का महत्व दीपावली के दौरान काफी होता है और इन जेवरात की पूजा करने से भी भगवान विष्णु।

साथियों बात अगर हम दीपावली महोत्सव में 5 दिनों तक दीप जलाने की करें तो, जिस दीपदान का जिक्र करते ही पूजा-पाठ, धार्मिक आस्था या फिर किसी मांगलिक कार्य का आभास होता है, उसका हिंदू धर्म में आखिर क्या महत्व है? किस कामना के लिए किस तरह दीपदान किया जाता है।हिंदू धर्म में पूजा-पाठ एवं मांगलिक कार्यों के दौरान दीपक को जलाने का बहुत ज्यादा महत्व माना गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार दीये के प्रकाश से न सिर्फ अंधेरा बल्कि नकारात्मकता भी दूर होती है। दीये को शुभता और सौभाग्य का कारण माना गया है। यही कारण है कि न सिर्फ दीपावली बल्कि अन्य प्रमुख पर्वों पर तमाम कामनाओं को लिए हुए लोग दीपदान करते हैं। दीपदान के धार्मिक लाभहिंदू मान्यता के अनुसार दीपदान करने पर जो पुण्यफल प्राप्त होता है, उससे व्यक्ति को सुख-सौभाग्य के साथ धन-धान्य और आरोग्य की प्राप्ति होती है। मान्यता है दीपदान के पुण्यफल से आकाल मृत्यु का भय और नवग्रहों का दोष दूर होता है। दीपदान करने पर देवी-देवताओं के साथ पितरों का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। दीपदान करने से जीवन की नकारात्मक ऊर्जा दूर और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति होती है।

साथियों बात अगर हम इस महापर्व दीपावली पर रंगोली सजाने की करें तो, हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार, रंगोली को कोई भी शुभ काम शुरू करने से पहले बनाने से वहां पर सकारात्मक ऊर्जा पैदा होने के साथ ही अगर उस स्थान पर कोई भी नकारात्मक ऊर्जा हो तो उसका भी नाश हो जाता हैं. इसको लेकर दिल्ली के प्रसिद्ध कालका जी मंदिर के पंडित आशीष ने बताया कि देवी-देवताओं के स्वागत के लिए रंगोली बनाई जाती है. उन्होंने बताया कि खासकर मां लक्ष्मी के घर में आगमन के लिए रंगोली मुख्य द्वार में बनाना शुभ माना जाता है। ऐसा ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है।मान्यता यह हैभगवान रामजी जब 14 साल का वनवास काट कर आए थे। तब अयोध्या में लोगों ने स्वागत के लिए हर घर में रंगोली बनाकर और दीप जलाकर राम जी का बड़े धूमधाम से स्वागत किया था। दीपावली पर रंगोली की जानें मान्यतापंडित।आश रंगोली शब्द प्राचीन दृष्टिकोण से संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ रंगों के जरिए भावों को दर्शाना होता है। वहीं भारत में रंगोली को कई जगह अल्पना नाम से भी जाना जाता है। वहीं अब रंगोली बनाने की बात करें, तो रंगोली को फूलों से, रंग से, गुलाल से, एवं आटा से इस्तेमाल करके तैयार किया जाता है ,इसकी डिजाइन दिवाली पूजन में रंगोली लक्ष्मी जी के पद चिन्ह, स्वास्तिक, कमल का फूल, और मोर जैसे कई डिजाइन अपने घर के द्वार पर बनाते हैं।

अतः अगर हम उपरोक्त विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि दीपावली महापर्व 12 नवंबर 2023 पर मां लक्ष्मी जी को नमन वंदन।दीपोत्सव के मौके पर गणेश लक्ष्मी मां के पूजन से सुख समृद्धि खुशहाली कुबेर खज़ाना व मंगलमय का आशीर्वाद प्राप्त होता है।आओ दीपावली पर्व 2023 पर मां लक्ष्मी से अपने लिए धन कुबेर और भारत माता के लिए नंबर एक अर्थव्यवस्था बनने की मन्नत मांगे।

-संकलनकर्ता लेखक - कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र


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