इस देवी को समर्पित नवरात्रि का पांचवा दिन, इन उपायों से दूर होंगे सारे कष्ट | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है. ये दिन मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप मां स्कंदमाता को समर्पित है. इन्हें स्कंद कुमार यानि कार्तिकेय की माता के रूप में जाना जाता है. इसलिए इनका नाम स्कंदमाता पड़ गया. संतान की चाह रखने वाले लोगों के लिए स्कंदमाता की पूजा सबसे उत्तम बताई गई है. मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे दिल से नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा करता है उसकी झोली खुशियों से भर जाती है.
इसके अलावा स्कंदमाता की पूजा मोक्ष प्रदान करने वाली भी बताई गई है. स्कंदमाता को पद्मासना के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वह सिंह के साथ-साथ कमल पर भी विराजमान रहती हैं. इसके अलावा उन्हें उमा, गौरी, पार्वती और माहेश्वरी भी बताया गया है. इनकी चार भुजाए हैं और गोद में भगवान कार्तिकेय यानि स्कंद देव हैं.
- हर कष्ट दूर करती हैं स्कंदमाता
स्कंदमाता की पूजा काफी फलदायी मानी गई है. संतान प्राप्ती की कामना हो, या विवाह आ रही बाधा हो, सच्चे दिल से आराधना करने पर स्कंदमाता हर कष्ट दूर करती हैं. मां को प्रसन्न करने के लिए उपाय भी बताए गए हैं. मान्यता है कि इन उपायों को करने मात्र से ही मां का आशीर्वाद प्राप्त होगा और हर कष्ट से मुक्ति मिलेगी. जानिए क्या हैं वो उपाय-
नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कदमाता को 36 लौंग और 6 टुकड़े कपूर में हल्दी और चावल मिलाकर माता रानी को आहुति दें. इससे स्कंदमाता प्रसन्न होंगी और विवाद में आ रही बाधा दूर करेंगी.
आज किसी भी देवी मंदिर जाकर शुद्ध देसी घी का दीया जलाएं. इसके बाद मां के 32 नामों के नामवली का 32 बार पाठ करें.
मां स्कंदमाता को सफेद रंग अतिप्रिय हैं. ऐसे में पूजा के दौरान सफेद वस्त्र पहनने से मां प्रसन्न होंगी और आशीर्वाद देंगी.
मां स्कंदमाता को केले का भोग बेहद पसंद हैं. ऐसे में आज माता रानी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद पाने के लिए मां को केले अर्पित करें. इसके साथ ही माता रानी को खीर का भोग भी लगा सकते हैं.