जौनपुर: परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम से ही है संभव:नारायणानंद | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
शंकराचार्य ने कथा में भक्तों को किया संबोधित
जौनपुर। धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे वही आज के समय में धनवान व्यक्ति है। परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम के द्वारा ही संभव हो सकती है। पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए महाराज ने बताया कि पूतना राक्षसी ने बालकृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी। श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पुतना का वध कर उसका कल्याण किया। माता यशोदा जब भगवान श्री कृष्ण को पूतना के वक्षस्थल से उठाकर लाती है उसके बाद पंचगव्य गाय के गोब, गोमूत्र से भगवान को स्नान कराती है। सभी को गौ माता की सेवा, गायत्री का जाप और गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। गाय की सेवा से 33 करोड़ देवी देवताओं की सेवा हो जाती है। भगवान व्रजरज का सेवन करके यह दिखला रहे हैं कि जिन भक्तों ने मुझे अपनी सारी भावनाएं व कर्म समर्पित कर रखें हैं वे मेरे कितने प्रिय हैं। भगवान स्वयं अपने भक्तों की चरणरज मुख के द्वारा ह्मदय में धारण करते हैं। पृथ्वी ने गाय का रूप धारण करके श्रीकृष्ण को पुकारा तब श्रीकृष्ण पृथ्वी पर आये हैं। इसलिए वह मिट्टी में नहाते, खेलते और खाते हैं ताकि पृथ्वी का उद्धार कर सके । कथा के पूर्व महाराज का पादुका पूजन आचार्य पण्डित कृष्ण कुमार द्विवेदी, हिमांशु शुक्ल, मुख्य यजमान बलराम मिश्रा,बालकृष्ण मिश्रा, अखिलेश तिवारी 'अकेला",भीम सिंह, मिन्तला देवी, श्यामधर तिवारी, मनोज मिश्र, देवेन्द्र मिश्र सहित अनेकों भक्तों द्वारा संपन्न हुआ।
![]() |
Advt. |