मयंक चाफेकर ने मॉडर्न पेंटाथलॉन में तीन स्वर्ण पदक जीते! | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
पणजी। एशियाई खेल 2023 में भाग लेने वाले भारत के पहले आधुनिक पेंटाथलॉन एथलीट महाराष्ट्र के मयंक चाफेकर ने राष्ट्रीय खेलों में मॉडर्न पेंटाथलॉन में तीन स्वर्ण पदक अपने नाम किये हैं। चापेकर को हांगझाउ एशियन गेम्स के दौरान पिंडली की हड्डी में चोट लग गई थी, जब वह तलवारबाजी कर रहे थे। इस दौरान एक तलवार ने उनका पैर छेद दिया था। ठाणे के कलवा के रहने वाले 23 साल के इस खिलाड़ी ने शुक्रवार को पोंडा में चल रहे 37वें राष्ट्रीय खेलों में पुरुषों की व्यक्तिगत ट्रायथल, पुरुष ग्रुप ट्रायथल और मिश्रित रिले ट्रायथले में स्वर्ण पदक जीतकर घरेलू सर्किट में अपने दबदबे को साबित किया।
दो मॉडर्न पेंटाथलन विश्व और एशियाई चैंपियनशिप में भाग ले चुके चाफेकर ने मॉडर्न पेंटाथलन के राष्ट्रीय खेलों में पदार्पण के मौके का पूरा लुत्फ उठा रहे हैं। ट्रायथल आधुनिक पेंटाथलॉन अनुशासन में एक उप-खेल है। जहां एथलीटों को 5x600 मीटर की दौड़ लगानी होती है, 4x50 मीटर गोद में तैरना पड़ता है। साथ ही 10 मीटर की दूरी से लक्ष्य पर लेजर गन शूट करना पड़ता है।
पैर में तेज दर्द का सामना कर रहे चाफेकर ने कहा, “ अपनी चोट के कारण मैं आज शत प्रतिशत दौड़ नहीं सका लेकिन मैं स्वर्ण पदक जीतने के लिए प्रतिबद्ध था क्योंकि कल लेजर रन में अपने प्रदर्शन के बाद काफी निराश था।” चोटों से निपटने के बारे में चाफेकर ने कहा, “ मैंने चोटों के साथ असफलताओं का सामना किया है, लेकिन यह एक चुनौती है जो एक पेशेवर खिलाड़ी होने का हिस्सा है। ध्यान और रोजाना भगवद गीता पढ़ने से मुझे असफलताओं से मजबूती से वापसी करने और प्रतियोगिताओं के दौरान अपना ध्यान बनाए रखने में मदद मिली।”
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