नया सवेरा नेटवर्क
देश की आजादी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का अहम योगदान रहा है। महात्मा गांधी से जुड़े कई किस्से कहानियां हमने पढ़ी और सुनी भी है, लेकिन कहा जाता है कि जब बात खाने की आती थी, तो गांधी जी इस मामले में काफी शांत रहते थे। आजादी के आंदोलनों में गांधी जी कई बार बिना खाना खाए रहे थे। हालांकि वो सादा और सात्विक खाने में विश्वास रखते थे। वो उन चीजों को खाने से बचते थे, जिससे उनकी सेहत प्रभावित होती थे। उन्हें फल और सब्जियां खाने का बहुत शौक था।
माना जाता है कि महात्मा गांधी को खिचड़ी, दाल मखनी, बिरयानी आदि भी पसंद थे। बिरयानी में नट्स का इस्तेमाल किया जाता था, जिसे वो खाना खूब पसंद करते थे। ये व्यंजन आज भी भारतीयों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। यह भी कहा जाता है कि गांधी जी को भजिया काफी पसंद था। उनकी एक और पसंदीदा डिश थी मेथी की चटनी।
दाल और चावल
माना जाता है कि गांधीजी सात्विक खाने में विश्वास करते थे। उनकी फेवरेट फूड आइटम्स में दाल और चावल शामिल था। यह भोजन सदियों से भारती डाइट का अहम हिस्सा है। प्रोटीन और कार्बेहाइड्रेट से भरपूर दाल चावल गांधीजी को बहुत पसंद थी।
रोटी
चूंकि गांधी जी गुजराती परिवार से थे, इसलिए उनकी डाइट का अहम हिस्सा रोटी थी। यह एक ऐसा खाना था, जिसे गांधी जी ने कभी खाने से परहेज नहीं किया।
पेड़ा
गांधीजी को मिठाई में पेड़ा खाना खूब पसंद था। गुजराती लोग मिठाई के रूप से इसे खूब खाते थे। यह गांधीजी के पसंदीदा मिठाइयों में से एक थी।
उबली सब्जियां
गांधीजी को सादा खाना पसंद था। वो उन चीजों को खाने से परहेज करते थे, जिससे गुस्सा तेज आता हो। इसलिए वो बिना तेल और नमक के उबली सब्जियां खाते थे। इसमें उबला हुआ चुकंदर भी शामिल था।
बादाम का दूध
महात्मा गांधी को बादाम का दूध पीना भी पसंद था। यह उनकी डाइट का अहम हिस्सा था।
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