आजकल कृत्रिम बुद्धिमता ने किस्मत चमकाई है | #NayaSaveraNetwork
नया सवेरा नेटवर्क
आजकल कृत्रिम बुद्धिमता ने किस्मत चमकाई है
आजकल कृत्रिम बुद्धिमता ने किस्मत चमकाई है
हर काम में कृत्रिम बुद्धिमत्ता की भावना समाई है
मानवीय दिनचर्या चलाने में आलस्यता आई है
इसलिए मानव ने यह तरकीब अपनाई है
एक बाबा ने पूरे देश का ध्यान अपने पर खींचाई है
माइंड रीडर बाबाओं की बारी आई है
हर जगह प्रसिद्धि छाई है
जनता नें मुग्ध होकर प्रशंसा गाई है
परंपरागत संसाधनों की परंपरा भुलाई है
प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अपार सफलता पाई है
इसलिए डिजिटल युग की परिकल्पना आई है
सूरजचांदअदालतों में कृत्रिम बुद्धिमता अपनाई है
मानव ने जो यह संकल्पता दर्शाई है
सारी प्रकृति को कृत्रिम करने की इच्छा जताई है
ऊपर वाले के अस्तित्व की बात मानव ने भुलाई है
हे मानव, उसीके बल पर यह बुद्धिमता पाई है
डिजिटल युग में ऐप से इलाज के जरिए
डिजिटल डॉक्टर की टेक्नोलॉजी आई है
सिर्फ एक टच से बीमारी का इलाज होगा
ऐसी ऐसी ऐप्स सॉफ्टवेयर भी आई हैं
लेखक - कर विशेषज्ञ, स्तंभकार साहित्यकार, कानूनी लेखक, चिंतक कवि, एडवोकेट किशन सनमुख़दास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र
![]() |
Advt. |