नया सवेरा नेटवर्क
मुंबई। विश्व की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने संजय पांडे पर विश्वास और भरोसा जताते हुए उन्हें उत्तर भारतीय मोर्चा महाराष्ट्र का एक बार फिर से अध्यक्ष नियुक्त किया है। देखा जाए तो पार्टी ने बहुत सोच समझ कर तथा निर्णायक उत्तर भारतीयों की संख्या को देखते हुए उनको दोबारा यह जिम्मेदारी दी है। अपनी पहली पारी में चैंपियन रहे संजय पांडे के लिए दूसरी पारी को शानदार और यादगार बनाने के लिए एक अच्छा अवसर है।
2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को सबसे ज्यादा सीटें दिलाने के साथ-साथ दिल्ली के सिंहासन पर तीसरी बार नरेंद्र मोदी को सत्तारूढ़ करने की दिशा में उनका यह कार्यकाल बेहद चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है।संजय पांडे उत्तर भारतीयों के हितों और अधिकारों के लिए हमेशा संघर्षरत रहे हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में उन्हें 54 विधानसभाओं में प्रचार की जिम्मेदारी दी गई थी। उत्तर भारतीय मोर्चा से जुड़े हजारों कार्यकर्ताओं के साथ उन्होंने कड़ी मेहनत की।
हर बूथ पर अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को खड़ा किया। उनकी अच्छी रणनीति का परिणाम था कि 54 में से 48 विधानसभा में बीजेपी को शानदार जीत मिली। कोरोना संक्रमण काल में जब उत्तर भारतीयों का तेजी से पलायन हो रहा था। चारों तरफ भय और निराशा का माहौल था। यातायात साधनों का बुरा हाल था। लोगों को खाने पीने की परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
ऐसे समय में संजय पांडे ने किसी देवदूत की तरह अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए अपने साथियों के साथ प्रवासी उत्तर भारतीयों की हर संभव मदद की। आज भी उत्तर भारतीय समाज उनके द्वारा किए गए मानवीय कार्यों को हमेशा याद करता है।संजय पांडे ने हमेशा राष्ट्र विरोधी और समाज विरोधी ताकतों के खिलाफ न सिर्फ जमकर आवाज उठाई अपितु उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर कई बार उग्र आंदोलन भी किए। पुणे के यलगार परिषद में हिंदुओं के खिलाफ आपत्तिजनक बयान देने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरजिल उस्मानी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर आंदोलन करते हुए उन्हें कई बार गिरफ्तार होना पड़ा।
राष्ट्र धर्म को सर्वोपरि मानने वाले संजय पांडे महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को अपना आदर्श नेता मानते हैं। उनका साफ कहना है कि बीजेपी ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो उत्तर भारतीय समाज के हितों और अधिकारों के संरक्षण की बात करती है। उत्तर भारतीय मतदाताओं के आशीर्वाद से वे मुंबई महानगरपालिका चुनाव में बीजेपी की जीत पक्की मानते हैं। देखना है अपनी दूसरी पारी में संजय पांडे पार्टी की अपेक्षाओं पर कितना खरा उतरते हैं?
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