नया सवेरा नेटवर्क
जौनपुर। शीतला चौकियां धाम मन्दिर के बगल में स्थित तालाब में बीते 15 दिन पूर्व सैकड़ों मछलियां मृत अवस्था में उतराई मिली थी इसी क्रम में शनिवार सुबह तालाब की सारी मछलियां तड़प तड़प कर पानी के सतह उपर व सीढ़ियों पर आ गई थी नगर पालिका परिषद द्वारा तालाब में चुने का छिड़काव व जलकल से पानी भी छोड़ने के बाद भी साम 3 बजे तक तालाब की बड़ी मछलियों ने दम तोड दिया देखते ही देखते पूरे तालाब में चारो तरफ कई हजारों की संख्या में मृत अवस्था में उतराई मिली।
मृत मछलियों के कारण अगल बगल छेत्र में दुर्गंध होने लगी रविवार की सुबह मरी मछलियों को बाहर निकाल कर दूर सुरक्षित स्थान पर गड्ढा खोदकर दफन किया गया।वही नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी पवन कुमार ने बताया की धाम में स्थित तालाब में समय समय पर चुने ब्लीचिग का छिड़काव साफ सफाई किया जाता हैं पानी में आक्सीजन लेवल की जांच के लिए एक दो दिन बाद लैब टेस्ट में भेजा जाएगा।
शाहिद जमाल जिला मत्स्य विभाग अधिकारी ने बताया की तालाब में निरीक्षण करने के दौरान बताया कि तालाब में कीचड़ के साथ पानी में काफी गंदगी है इससे आक्सीजन के साथ अमोनिया की मात्रा बढ़ गई तालाब में छमता से अधिक मछलियां थी। यदि पहले ही मछलियों को तालाब से बाहर निकालाकर किसी जगह रख दिया जाए तालाब का दूषित पानी निकाल कर साफ़ पानी तालाब में भरा जाए।
तब मछलियां बच सकती थीं। वही बक्शा के चुरावन गांव निवासी सेवानिवृत डिप्टी डायरेक्टर मत्स्य विभाग डा अरविंद कुमार मिश्र ने बताया कि मछलियों को बचाने के लिए सुबह चार बजे से फव्वारे के साथ ताजा पानी छोड़ने से हवा का आक्सीजन तालाब में पहुंचेगा जिससे आने वाले दिनों में मछलियों का मरना रुक सकता है।पानी के नीचे कीचड़ भरा है इससे तालाब में आर्गेनिक लोड बढ़ा है ऐसे में आक्सीजन टिकिया का प्रयोग किया जा सकता है। तालाब में मरी हुई मछलियों को स्थानीय व नगर पालिका कर्मचारियों द्वारा बाहर निकालकर दूर एक गड्ढा खोदकर सुरक्षित तरीके से बंद कर दिया गया। इस मौके पर उपस्थित जय बिंद माली ब्राम्हण समाज मन्दिर पुरोहित महंत विनय त्रिपाठी मौजूद रहे।
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